देहरादून: उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग में इन दिनों पड़ोसी राज्यों से आने वाले दवा माफिया सक्रिय दिखाई दे रहे है। लगातार तमाम कंपनियों की दवाओं को सप्लाई करने के साथ ही विभाग में अन्य सामान की आपूर्ति करने में लंबे समय सक्रिय माफिया लगातार विभाग को चुना लगा रहा है।
बाहर से आने वाले टेंडर माफियाओ की लापरवाही अनियमितता पकड़े जाने के बाद भी इस पर कार्रवाई करने के बजाय अधिकारी इन्हे बचाने में खासी दिलचस्पी दिखाते हैं जिसके पीछे अधिकारियों की मंशा पर भी सवाल खड़े होना लाजमी है।
आलम यह है कि तमाम ब्लैक लिस्टेड कंपनियों के प्रतिनिधि के रूप में विभाग में प्रतिभाग किया जा रहा है लेकिन विभागीय अधिकारी इस पूरे मामले पर आंखें मूंदे बैठे हैं। दरअसल दवा टेंडर करने वाली आधा दर्जन से ज्यादा कंपनियां विभाग में ऐसी पाई गई हैं जिनके द्वारा झूठे शपथपत्र तक दाखिल किए गए, जो बताते हैं कि स्वास्थ्य विभाग में टेंडर माफिया किस कदर हावी है।
सूत्रों के अनुसार दवा खरीद को लेकर टेंडर में एल 1, एल2, एल 3 आने वाली कंपनियों के द्वारा पूल सिस्टम अपनाया जा रहा है। जिसमें कुछ के द्वारा झूठा शपथ पत्र दिए गए हैं तो कुछ सपोर्टिंग दस्तावेज के माध्यम से टेंडर को हासिल करने के लिए पूरी तोड़ जोड़ दिखा रहे हैं हालांकि स्वास्थ्य मंत्री मामले में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिन कंपनियों के द्वारा झूठे शपथ पत्र दिए गए है उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।। आपको बता दें कि स्वास्थ्य महानिदेशालय दवा टेंडर में प्रतिभाग करने वाली ज्यादातर कंपनियों का काम एक ही व्यक्ति के द्वारा किया जाता है।