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उत्तराखंड में शराब की होगी जांच, आबकारी विभाग कराएगा लैब टेस्टिंग

pushkar singh dhami.
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देहरादून: उत्तराखंड सरकार अब प्रदेश में बिक रही शराब की गुणवत्ता पर सख्ती से नजर रखने जा रही है। राज्य में मिल रही मिलावटी शराब की शिकायतों के बाद आबकारी विभाग अब शराब की लैब टेस्टिंग कराएगा। इससे एक तरफ जहां उपभोक्ताओं का भरोसा लौटेगा…वहीं दूसरी ओर राज्य की राजस्व आय में भी इजाफा होने की उम्मीद है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर राज्य सरकार ने राजस्व से जुड़े सभी विभागों को आय बढ़ाने के लिए सख्त कार्ययोजना सौंपी है। मकसद साफ है वित्तीय वर्ष 2025-26 तक उत्तराखंड को ‘राजस्व सरप्लस राज्य’ बनाए रखना।

जीएसटी के बाद राज्य में दूसरा सबसे बड़ा राजस्व स्रोत आबकारी विभाग है…लेकिन इस बार विभाग 5060 करोड़ रुपये का लक्ष्य पाने में पिछड़ता दिख रहा है। शुरुआती चार महीनों में सिर्फ 31 प्रतिशत राजस्व ही वसूल हो पाया है। अधिकारियों के अनुसार, पूरे साल में करीब 4800 करोड़ ही इकट्ठा हो पाएंगे।

इस कमी की बड़ी वजह है  प्रदेश में निर्मित शराब में मिलावट की शिकायतें। इस कारण उपभोक्ता स्थानीय शराब की बजाय बाहर की ब्रांड्स को प्राथमिकता दे रहे हैं। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन के अनुसार, अब से शराब की नियमित लैब टेस्टिंग की जाएगी ताकि गुणवत्ता पर नजर रखी जा सके और अवैध धंधों पर रोक लगे।

जीएसटी से सरकार को इस साल 11,221 करोड़ रुपये की उम्मीद है…लेकिन जीएसटी दरों में कटौती के चलते वसूली में नई चुनौतियां खड़ी हो गई हैं। ऐसे में अब हर सेक्टर को अलग-अलग लक्ष्य देने की योजना बनाई जा रही है ताकि टैक्स संग्रह में गिरावट को रोका जा सके।

खनन विभाग इस साल अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। 950 करोड़ के लक्ष्य की तुलना में अब तक 40% से ज्यादा वसूली हो चुकी है। अब वन क्षेत्रों में नए खनन लॉट चिन्हित किए जाएंगे और निजी कंपनियों को पट्टे देने की भी तैयारी है।

परिवहन विभाग की शुरुआत थोड़ी धीमी रही…लेकिन वाहन बिक्री में बढ़ोतरी से उम्मीद जगी है कि साल के अंत तक 1500 करोड़ के लक्ष्य तक पहुंचा जा सकेगा। ऊर्जा विभाग की हालत थोड़ी चिंताजनक है। अब तक केवल 15 प्रतिशत राजस्व ही वसूला गया है। सरकार ने विभाग को तेजी से सुधार के निर्देश दिए हैं।

वन विभाग का प्रदर्शन अब तक कमजोर रहा है, लेकिन सरकार ने जड़ी-बूटियों, लीसा, और कार्बन क्रेडिट जैसे विकल्पों पर ध्यान केंद्रित करना शुरू किया है। इसके लिए विशेषज्ञ एजेंसी की मदद से इन स्रोतों से आय का सही आकलन किया जाएगा। साथ ही इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए नए पर्यटन स्थल विकसित किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य के आय स्रोत बढ़ाने के लिए सरकार हर जरूरी कदम उठा रही है। इससे विकास कार्यों के लिए धन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकेगी। सभी विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे नए स्रोतों की तलाश करें, और राजस्व वसूली में तेजी लाएं।

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