हल्द्वानी: रक्षा बंधन के त्योहार की तैयारी हर जगह चल रही है। सभी प्रदेशों ने बहनों के लिए कुछ ना कुछ घोषणा की है। उत्तराखंड में बहनों को रक्षाबंधन के दिन बस का किराया नहीं देना पड़ेगा। उत्तराखंड रोडवेज उन्हें मुफ्त में यात्रा कराएगा। कोरोना वायरस के चलते पिछले साल की तरह इस साल भी बाजार में रौनक कम है लेकिन स्थानीय उत्पादों की डिमांड बढ़ी है। रक्षा बंधन के लिए ऐपण वाली रखी बाजार में लोगों को अपनी ओर खींच रही है।
हरीश रावत ने किया गैस सब्सिडी का वादा, अरविंद केजरीवाल को बताया उत्तराखंड का पर्यटक
अफगानिस्तान में फंसे लोगों के लिए हेल्प लाइन नंबर जारी, नैनीताल पुलिस करेगी मदद
खासबात ये है कि इन राखियों को उत्तराखंड में ही बना गया है और लोग स्थानीय उत्पादों को सहयोग करने हेतु खरीदारी भी कर रहे हैं। ऐपण की राखी की डिमांड के बढ़ने के वजह से चाइनीज़ राखी का व्यापार कुछ खास नहीं हो रहा है। कारोबारियों का कहना है कि कोरोना वायरस के वजह से रक्षाबंधन के मौके पर भी व्यापार कम है। उन्होंने बताया कि ऐपण वाली राखियों के अलावा दिल्ली राजस्थान और स्थानीय संस्थाओं से ही राखियां मंगाई गई है। रक्षाबंधन को लेकर शहर के बाजार राखी और अन्य पूजन सामग्री से सजे हुए हैं।
बेटियों का सपना भी होगा साकार, अब NDA परीक्षा पास कर सेना में बनेंगी अफसर
उत्तराखंड सीनियर पुरुष टीम ट्रायल की तारीख का हुआ ऐलान, सभी खिलाड़ियों को पहुंचना है काशीपुर
ऐपण की राखियों के ज्यादा बिकने को लेकर व्यापारियों का कहना है कि यह स्थानीय लोगों द्वारा बनाई गई है। लोग इस वजह से उन्हें सहयोग कर रहे हैं। स्वयंसेवी संस्थाओं और बच्चों द्वारा ऐपण की राखियां बनाकर दुकानों में सप्लाई की जा रही है। इसी सहयोग के साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। दूसरे राज्यों के लोग ऐपण वाली राखियों को ऑनलाइन मंगवा रहे हैं।
सोमेश्वर में अंजली हत्याकांड के आरोपी की हॉस्पिटल में मौत, वारदात के बाद किया था जहर का सेवन
शराब के नशे में भूल गया स्कूटी, मुखानी पुलिस से कहा सब्जी लेने गया था स्कूटी चोरी हो गई