अल्मोड़ा: राज्य में विधानसभा चुनावों को लेकर धीरे धीरे सुगबुगाहट बढ़नी शुरू हो गई है। एक तरफ चुनावों के नजदीक आते ही विधायकों ने कमर कस ली है। तो वहीं द्वाराहाट विधानसभा सीट पर विधायक महेश नेगी ने राहत भरी सांस ली ही थी कि दोबारा वह विवादों में फंस गए हैं। महेश नेगी को दुष्कर्म प्रकरण में क्लीन चिट मिलने के बाद पहले पूरे क्षेत्र में रातों रात संदिग्ध पोस्टर लगा दिए गए। अब मामले की पीड़िता ने विधायक को खरी चुनौती दे दी है।
रेसकोर्स में अपने अधिवक्ता के कार्यालय में पत्रकारों से उक्त महिला ने बातचीत की। महिला ने विधायक को अपनी बेटी का जैविक पिता बताया और कहा कि इस मामले में पुलिस की ओर से फाइनल रिपोर्ट लगाने की बात कही जरूर गई है मगर इसकी प्रतिलिपि नहीं मिली है। उनका कहना है कि वह मुकदमे को हरगिज वापस लेने वाली नहीं हैं।
महिला का कहना है कि वह बेटी को न्याय दिलाने के लिए कानूनी लड़ाई जारी रहेगी। साथ ही कहा कि द्वाराहाट में लगे पोस्टर पर जो सवाल हैं ‘मम्मी मेरे पापा कौन’। इसका जवाब विधायक देने में सक्षम हैं। महिला ने आरोप लगाया कि सरकार ने विधायक को बचाने की कोशिश की है। उसने कहा कि पहले जांच अधिकारी डीएनए के लिए कहती थक गई और बाद में खुद ही डीएनए टेस्ट से पहले अपनी फाइनल रिपोर्ट पेश कर दी।
महिला का कहना है कि वह न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा तो वहां भी जाएंगी। साथ ही कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव के दौरान महेश नेगी जहां भी प्रचार के लिए जाएंगे, वह भी उनके विरोध में वहां धरना देने जाएंगी। इस मामले के ना रुकने से अल्मोड़ा जिले की द्वाराहाट विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक महेश नेगी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।
क्या है मामला
अल्मोड़ा जिले की द्वाराहाट विधानसभा सीट से विधायक महेश नेगी पर कुछ महीने पहले दुष्कर्म का आरोप लगाया था। महिला के अनुसार विधायक नेगी ही उसकी बेटी के जैविक पिता हैं। मामला लंबा और विवादों के घेरे में चला। अदालत के आदेश पर की गई जांच में जांच अधिकारी की ओर से पेश अंतिम रिपोर्ट के मद्देनजर कोर्ट ने याचिका निपटा दी। बाद में कोर्ट में पेश रिपोर्ट के अनुसार विधायक पर उक्त आरोपों की पुष्टि ना होने से उन्हें क्लीन चिट मिल गई।
पोस्टर विवाद
द्वाराहाट विधायक महेश नेगी को कोर्ट से क्लीन चिट मिलते ही दूसरे दिन नया बवाल खड़ा हो गया। सोमवार की सुबह जब लोग उठे तो उन्हें आसपास सब जगह अनोखे पोस्टर लगे मिले। पोस्टर में चित्र बना हुआ है जिसमें एक मां अपने बच्चे को गोद में लिए हुए है। इस पोस्टर में लिखा था “मम्मी मेरे पापा कौन’?
पोस्टर में लिखा है कि ऐसे में कैसे बेटी बचाओ बेटी बढ़ाओ। इस तरह के पोस्टर पूरे क्षेत्र मेम लगे हुए हैं। ताज्जुब की बात यह है कि पोस्टर में मुद्रक का नाम है न ही प्रकाशक का। प्रिंटिंग प्रेस का नाम भी नहीं दिया गया है। एसडीएम द्वाराहाट जयर्वधन शर्मा ने इस बारे में जानकारी नहीं है। वैसे आचार संहिता के बाद कार्रवाई होती है मगर सरकारी संस्थानों से पोस्टर हटाने के निर्देश दे दिए हैं।