हल्द्वानी: जम्मू में बुधवार देर रात अल्मोड़ा जिले के भैसाड़ी गांव के मूल निवासी सेना के कैप्टन रक्षित भैसोड़ा (23) की सड़क हादसे में मौत हो गई। इस खबर के सामने आने के परिवार में कोहराम मच गया है। कैप्टन रक्षित का शव शुक्रवार को हल्द्वानी पहुंचा और रानिबाग में उनका अंतिम संस्कार किया गया। मौत की सूचना मिलने पर जिला सैनिक कल्याण अधिकारी मेजर बीएस रौतेला सहित काफी संख्या में सेना के अधिकारी परिजनों को सांत्वना देने के लिए पहुंचे।
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार घटना बुधवार देर रात्रि की है। जम्मू में लाले दा बाग क्षेत्र में अकालपुर चौक के निकट रक्षित की क्रेटा कार एक पोल से टकरा गई। इस हादसे में रक्षित की मौत हो गई तो उनके साथी लेफ्टिनेंट रणविजय गंभीर रूप से घायल हो गए।
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रक्षित के पिता नंद सिंह भैसोड़ा हल्द्वानी में कलावती कालोनी स्थित अपने साले धीरेंद्र के वहां पहुंच गए हैं। उन्हें गुरुिवार को रक्षित के एक्सिडेंट होने की सूचना मिली थी। वह एक शिक्षक है। बताया जा रहा है कि नंद सिंह अपनी पत्नी दीपा भैसोड़ा के साथ रवाना हो गए। मुरादाबाद पहुंचने पर उन्हें बेटे के मौत की सूचना दी गई। शव भेजने की बात पर माता-पिता घर लौट आए।
कैप्टन रक्षित की मौत के बाद पूरे कुमाऊं में कोहराम छा गया है। रक्षित के परिवार ने बताया कि वो बचपन से ही मेधावी छात्र रहा है। उन्होंने प्राथमिक पढ़ाई सनवाल स्कूल नैनीताल और इंटर की शिक्षा घोड़ाखाल सैनिक स्कूल से की थी। 2016 में एनडीए से पास आउट होने के बाद लेफ्टिनेंट पद पर तैनात हुए थे। अभी हाल ही में प्रोन्नति मिलने पर रक्षित कैप्टन बन गए थे।
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कैप्टन की इकलौती बहन नेहा वनस्थली राजस्थान से स्नातक कर रही है। पिता नंदन सिंह ने भैसाड़ा ने हल्द्वानी के छड़ायल में महर्षि स्कूल के पास जय दुर्गा कॉलोनी में जमीन खरीदी। इस समय जमीन पर भवन निर्माण का काम चल रहा था इस वजह से वो हल्द्वानी में किराए के मकान में रह रहे थे।