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रौशन हुआ परिवार का नाम, अल्मोड़ा की आभा रावत को पंतनगर विश्वविद्यालय में मिला स्वर्ण पदक


Almora Success Story:

उत्तराखंड की बेटियाँ आए दिन अपनी प्रतिभा के बलबूते नए आयाम स्थापित कर रही हैं। शिक्षा क्षेत्र में बेटियों का योगदान और उनकी सफलता में पिछले कुछ ही वर्षों में कई गुण वृद्धि देखने को मिली है। पर्वतीय क्षेत्रों में लाख चुनौतियों के बावजूद उत्तराखंड की बेटियाँ पूरे देश को प्रेरणा देने का काम कर रही हैं। उत्तराखंड के युवाओं की, यहाँ की बेटियों की एकाग्रता और समर्पण की जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है। लेकिन यही प्रेरणादायक कहानियाँ अपने लक्ष्य को पाने के लिए समर्पित युवाओं का मनोबल बढ़ाती हैं। अल्मोड़ा जिले के एक साधारण परिवार से आने वाली बेटी आभा रावत ने भी अपनी मेहनत के दम पर गोल्ड मेडल हासिल किया है।

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पिता बने प्रेरणा

बता दें कि आभा रावत अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया, मासी क्षेत्र की निवासी हैं। आभा ने जिला उधम सिंह नगर, पंतनगर के जीबी पंत विश्वविद्यालय से बीएससी में शानदार प्रदर्शन कर स्वर्ण पदक अपने नाम किया है। आपको जानकार हैरानी होगी कि आभा के पिता गोविंद सिंह रावत साधारण सी आइसक्रीम की दुकान चलाते हैं। वहीं आभा की माता ममता कुशल गृहणी हैं। अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए गोविंद सिंह रावत ने कई चुनौतियों का सामना किया फिर भी पूरी निष्ठा के साथ अपना शत-प्रतिशत कर्तव्य निभाया। उन्हीं से प्रेरणा लेकर उनके बच्चों ने भी पूरी दुनिया को दिखा दिया कि हौसलों में दम हो तो ऊंची उड़ान होती है, असली ताकत शिक्षा में होती है पैसों से तो बस दिखने वाली शान होती है।

भाई-बहन की जोड़ी बनी घरवालों की शान

आभा रावत की सफलता उनकी कड़ी मेहनत और संकल्प का परिणाम है। वह न केवल अपनी पढ़ाई में पूरी लगन से जुटी रही, बल्कि घर के कामों में भी अपनी माँ ममता का पूरा सहयोग करती थीं। आभा ने रोजाना 4 से 6 घंटे अपनी पढ़ाई के लिए निकाले, जबकि घर की जिम्मेदारियों को भी निभाया। इसके अलावा, आभा के बड़े भाई वरुण रावत, जिन्होंने सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनकर नाम कमाया, उन्होंने भी अपनी बहन को सपनों की ऊँचाई तक पहुँचाने में भरपूर सहयोग किया। उनका यह समर्थन आभा के लिए बेहद महत्वपूर्ण रहा, और उनके कारण ही आभा ने अपनी मेहनत से यह सफलता प्राप्त की।

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