हल्द्वानी: एक महिला बदलाव ला सकती है। किसी घर में किसी परिवार में या फिर किसी समाज में भी… महिलाओं की भागेदारी ही देश को एक नई पहचान दे रही है जिसे दुनिया यंग इंडिया के नाम से जानती है। उत्तराखंड की रेखा लोहनी पांडे की चर्चा हर तरफ हो रही है। पिछले कुछ दिनों से उनके बारे में लाखों लोग जानना चाहते हैं क्यों कि वह उत्तराखंड की पहली महिला टैक्सी चालक बन गई है। रेखा ना घर की चार दीवारी छोड़कर टैक्सी का स्टेरिंग क्यों पकड़ा ये उनका निजी फैसला हो सकता है लेकिन इस फैसले ने हजारों महिलाओं को एक रास्ता जरूर दे दिया है। भविष्य में उत्तराखंड की महिलाएं जब भी टैक्सी चलाएंगी तो रेखा पांडे को ही क्रेडिट जाएगा।
रेखा लोहनी पांडे उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के गरुड़ क्षेत्र के भेटा निवासी हैं। उनका सुसराल रानीखेत में है। वह पिछले दो महीने से रानीखेत से हल्द्वानी के बीच टैक्सी चला रही हैं। उनके पति जो कि भारतीय सेना से रिटायर हैं वह टूर एंड ट्रैवल के कारोबारी थे। तबीयत खराब होने के बाद काम को कोई और संभाल रहा था लेकिन घाटा होने की वजह से रेखा ने घर की आर्थिकी की जिम्मेदारी खुद उठाने का फैसला किया। वो पिछले दो महीने से टैक्सी चला रहीं हैं कि और रानीखेत से हल्द्वानी तक यात्रियों को सेवा दे रही हैं। रेखा तीन बेटियों की मां हैं। उन्होंने समाज के तानों से ज्यादा अपने परिवार की जरूरत को प्राथमिकता दी और टैक्सी कारोबार में एंट्री पाई।
रेखा की आत्मनिर्भरता ने सभी का दिल जीत लिया है। उनके पास करियर के और भी मौके हैं लेकिन फिलहाल वह स्वरोजगार पर ज्यादा फोक्स्ड हैं। बता दें कि रेखा डबल एमए हैं। साथ उन्होंने मास्टर्स इन सोशल वर्क (MSW) और वकालत (LLB) की पढ़ाई की है। रेखा कहती हैं कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनना पड़ेगा। वह ऐसा करेंगी तो परिवार सशक्त होगा।