
नैनीताल: प्रतिभा न हालातों की मोहताज होती है, न किसी मंच की। यह साबित किया है उत्तराखंड की बेटी रूचि जोशी ने जिन्होंने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) में ऑल इंडिया रैंक 12 हासिल कर न सिर्फ प्रदेश का नाम ऊँचा किया…बल्कि पूरे देश को गौरवान्वित कर दिया। अब वह केंद्र सरकार में सूचना अधिकारी के रूप में एक महत्वपूर्ण पदभार संभालेंगी।
मूल रूप से अल्मोड़ा जिले की निवासी रूचि का सफर संघर्षों से भरा रहा है…लेकिन कभी भी उनके हौसले नहीं डगमगाए। उन्होंने कुमाऊं विश्वविद्यालय के डीएसबी परिसर से पत्रकारिता और जनसंचार विषय में पढ़ाई की और यहीं से समाजशास्त्र और पत्रकारिता में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की।
शिक्षक परिवार से ताल्लुक रखने वाली रूचि के पिता भुवन चंद्र जोशी उत्तराखंड शिक्षा विभाग में कार्यरत हैं…जबकि माँ एक गृहिणी हैं। एक साधारण पारिवारिक पृष्ठभूमि से निकलकर उन्होंने जिस ऊंचाई को छुआ है वह लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है।
बहुमुखी प्रतिभा की धनी हैं रूचि जोशी
रूचि सिर्फ पढ़ाई में ही नहीं, बल्कि सामाजिक और राष्ट्रीय गतिविधियों में भी आगे रही हैं।
एनसीसी कैडेट के रूप में गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लिया
श्रीलंका में हुए सार्क यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
एसएसजे कैंपस अल्मोड़ा की छात्र उपाध्यक्ष रहीं
नेट (UGC-NET) की परीक्षा में पत्रकारिता विषय में सफलता हासिल की।
केंद्र सरकार के युवा कार्य एवं खेल मंत्रालय तथा कृषि मंत्रालय में बतौर मीडिया मैनेजर काम किया।
खेलो इंडिया प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और फिट इंडिया मूवमेंट जैसे अभियानों में रही सक्रिय।
आकाशवाणी में उद्घोषिका के रूप में भी किया कार्य।
गर्व का क्षण
रूचि की सफलता पर कुमाऊँ विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष प्रो. गिरीश रंजन तिवारी और डॉ. पूनम बिष्ट ने खुशी जाहिर करते हुए उन्हें उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं।
देश को नई दिशा देने के लिए अब रूचि जोशी केंद्र सरकार में राजपत्रित अधिकारी के रूप में कार्य करेंगी। उनकी इस उपलब्धि ने यह सिद्ध कर दिया है कि अगर हिम्मत और मेहनत साथ हो….तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं।






