हल्द्वानी: विज्ञान के क्षेत्र में समूचे भारत ने विश्व को समय समय पर अपनी प्रतिभा का माद्दा दिखाया है। उत्तराखंड के युवा भी विज्ञान के क्षेत्र में अमिट छाप छोड़ने में किसी से पीछे नहीं रहे हैं। एक बार फिर उत्तराखंड को गौरवान्वित (Proud news for Uttarakhand people) करने वाली खबर सामने आई है। हल्द्वानी निवासी अमित पांडे बतौर सीनियर सांइटिस्ट (Amit Pandey joins NASA as a senior scientist) नासा में शामिल हुए हैं। वह नासा की उस टीम का हिस्सा बने हैं, जिसका मिशन चांद पर जीवन को खोजना है।
गौरतलब है कि नासा चांद पर घर बनाने, वहां रहने और लांग टर्म प्रोजेक्ट पर रिसर्च कर रहा है। इस प्रोग्राम को आर्टेमिस (Project for moon called Artemis) नाम दिया गया है। हल्द्वानी गोरापड़ाव के रहने वाले अमित पांडे इस प्रोग्राम से जुड़ गए हैं। बता दें कि प्रारंभिक शिक्षा हल्द्वानी के केंद्रीय विद्यालय (Early education from Haldwani Kendriya Vidhyalaya) से पूरी करने वाले अमित पांडे ने 12वीं रायबरेली के केंद्रीय विद्यालय से उत्तीर्ण की है। फिर साल 2003 में बीएचयू से बीटेक हो जाने के बाद उन्होंने अमेरिका का रुख किया है।
अमित पांडे ने बाद में यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना से मास्टर डिग्री (Master Degree from University of Arijona) और यूनिवर्सिटी ऑफ मेरीलैंड (University of Meryland) से पीएचडी की डिग्री भी प्राप्त की। सिर्फ पढ़ाई ही नहीं उन्होंने अमेरिका में काम भी किया। अमेरिकी डिफेंस कंपनी रोल्स रॉयस (Rolls Royce) में बतौर वैज्ञानिक काम करने के बाद अब वह नासा के नये मून प्रोग्राम आर्टेमिस पर काम कर रहे हैं। अमित पांडे बताते हैं कि 60 के दशक में अमेरिका के अपोलो प्रोग्राम (Apollo program) की तरह ही नासा ने फिर मून प्रोग्राम लांच किया है।
आपको याद दिला दें कि नासा के पहले मून प्रोग्राम में पहले एस्ट्रोनॉट नील आर्मस्ट्रांग (Neil Armstrong) ने चांद पर कदम रखे थे। अमित के पिता विपिन चंद्र पांडे महात्मा गांधी इंटर कॉलेज से सेवानिवृत्त शिक्षक है और मां सुशीला पांडे गृहिणी हैं। विपिन चंद्र पांडे की मानें तो अमित कुछ बड़ा करेंगे, इसका अनुमाम बचपन में उनकी मेहनत देखकर ही हो गया होता। फिलहाल के समय में अमित यू ट्यूब के जरिये बच्चों की कॅरियर काउंसलिंग भी करते हैं।