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अंबानी परिवार पर केदारबाबा की कृपा ,केदारनाथ मंदिर समिति के सदस्य बने अनंत अंबानी


देहरादूनः यह बात छुपी नहीं है कि उत्तराखंड से अंबानी परिवार का रिश्ता बहुत पुराना है। यही कारण है कि अंबानी परिवार हर साल उत्तराखंड राज्य और यहां के मंदिरों के लिए कुछ ना कुछ जरूर करते है । अंबानी परिवार का नाता बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर से बहुत पुराना है। केदारनाथ में आई आबादी ने जब सब कुछ बर्बाद कर दिया था तब भी अंबानी परिवार उत्तराखंड के साथ खड़ा था। यही कारण है कि उत्तराखंड ने एक बार फिर अंबानी परिवार को सम्मानित किया है।
दरअसल उत्तराखंड सरकार ने उद्योगपति मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी को बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर कमेटी के सदस्य मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नियुक्ति किया है। चार धाम में शामिल इस मंदिर का समस्त प्रबंधन और प्रशासन यही कमेटी करती है, जिसमें अनंत को जगह मिली है। अनंत अंबानी मुकेश के छोटे बेटे हैं। उत्तराखंड के चार धामों में से एक केदारनाथ धाम मंदिर के कपाट करीब छह महीने तक बंद रहने के बाद 9 मई को फिर से खुलेंगे।

अधिकारियों ने महाशिवरात्रि के दिन ये जानकारी दी। कपाट खोलने की तारीख और समय की घोषणा महाशिवरात्रि के अवसर पर रुद्रप्रयाग जिले के उखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में की गई। पुजारियों ने मंत्रोच्चारण और शंखध्वनि के बीच यह घोषणा की। बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर के एक अधिकारी ने कहा, “केदारनाथ मंदिर 9 मई को सुबह 5.35 बजे फिर से खुल जाएगा।”केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री, जिन्हें सामूहिक रूप से चारधाम कहा जाता है, हर साल अक्टूबर-नवंबर में बंद हो जाते हैं और छह महीने के अंतराल बाद अप्रैल-मई में फिर से खोल दिए जाते हैं।

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बद्रीनाथ यानी बद्रीनारायण मंदिर उत्तराखंड के चमोली जनपद में अलकनन्दा नदी के किनारे स्थित है। यह भगवान विष्णु को समर्पित मंदिर है। मंदिर के इर्द-गिर्द बसे नगर को बद्रीनाथ कहा जाता है। इसी तरह केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग जिले में स्थित है। हिमालय पर्वत की गोद में स्थित यह मंदिर बारह ज्योतिर्लिंग में शम्मिलित होने के साथ चार धाम और पंच केदार में से एक है। आदि शंकराचार्य ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था। उत्तराखंड में केदारनाथ और बद्रीनाथ दो प्रधान तीर्थ हैं। ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति केदारनाथ के दर्शन किए बिना बद्रीनाथ की यात्रा करता है तो उसकी यात्रा निष्फल मानी जाती है।

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