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अंकिता की हत्या से सहमी देवभूमि, ऐसे रची गई थी पूरी कहानी…


ऋषिकेश: इस समय देवभूमि का जन जन परेशान है। सभी की आंखें नम हैं और हर कोई आंखों में आंसू व दिल में आक्रोश लिए अंकिता के हत्यारों को सजा दिलाने की मांग पर अड़ा हुआ है। अंकिता की हत्या ने समाज की उस नकली परत को हटा दिया है जिसे देखकर लगता था कि हां अब शायद बेटियां सुरक्षित हैं। जब तक हमारे बीच इंसान की शक्ल में बहरुपिए बैठे हैं तबतक बेटियां सुरक्षित रह ही नहीं सकती। अंकिता की कहानी ने देवभूमि की छवि पर सवाल दागे हैं। जिसके जवाब केवल और केवल दोषियों को सख्त सजा मिलने के साथ ही प्राप्त होंगे।

यह है पूरी कहानी

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जनपद पौड़ी के श्रीकोट निवासी 19 वर्षीय अंकिता भंडारी गंगा भोगपुर स्थित वनतरा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट का काम करती थी। अंकिता 18 सितंबर को रहस्यमयी तरीके से लापता हुई थी। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार अंकिता के तीन सहकर्मियों ने चीला रोड स्थित नहर में धक्का देकर उसकी हत्या की। मामले में संचालक पुलकित आर्य समेत तीन लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। बताया जा रहा है कि आरोपित ने ही बीते दिनों अंकिता के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

डीजीपी ने उठाया मामले से पर्दा

उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि चार पांच दिन तक गायब रहने के बाद से राजस्व पुलिस अंकिता की गुमशुदगी की रिपोर्ट के आधार पर जांच कर रही थी। 22 सितंबर को मामला लक्ष्मण झूला थाने के पास आया तो 24 घंटे के अंदर जांच पूरी कर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। सीसीटीवी फुटेज से ज्ञात हुआ कि 18 सितंबर की रात को अंकिता पुलकित, सौरभ और अंकित के साथ ऋषिकेश गई और वहां से वापस आई थी।

पुलिस के मुताबिक रिजॉर्ट के कर्मचारियों का कहना था कि उस रात अंकिता बेहद परेशान थी और वह करीब आठ बजे तीनों आरोपियों के साथ निकली थी। लेकिन देर रात 11 बजे अंकिता के अलावा बाकी तीनों वापस आ गए। तीनों ने खाना खाया और अंकिता के कमरे में खाना देने की बात पुलकित गुप्ता ने कही। बाद में पुलिस पूछताछ में पुलकित आर्य, अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता और सौरभ भास्कर वे अंकिता को नहर में धक्का देने की बात स्वीकार की।

आरोपियों का कबूलनामा!

पुलिस की पूछताछ में आरोपितों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक 18 सितंबर की शाम अंकिता और पुलकित के बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ था। इसके बाद चारों ऋषिकेश गए और वापसी में उन्होंने बैराज चौकी से करीब डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर मोमोज़ खाए। इस दौरान तीनों लड़कों ने शराब पी।

तभी अंकिता और पुलकित का फिर विवाद हुआ तो अंकिता ने पुलकित का मोबाइल नहर में फेंक दिया। जब हाथापाई शुरू हुई तो आरोपियों ने उसे नहर में धक्का दे दिया। आरोपियों का कहना है कि अंकिता गलत बातों से उन्हें बदनाम करती थी। जबकि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अंकिता की मौत के पीछे का कारण उसका वैश्यावृत्ति के लिए इनकार करना बताया गया है।

आरोपियों ने बनाई कहानी

आरोपियों ने हत्या के बाद शेफ मनवीर को फोन कर चार लोगों के लिए खाना बनाने को कहा और अपने साथ अंकिता के नहीं होने की बात कही। दूसरे दिन पुलकित और अंकित हरिद्वार चले गए। बाद में कर्मचारी सौरभ बिष्ट को फोन कर अंकिता के कमरे में किसी काम से जाने को कहा। जब अंकिता वहां नहीं मिली तो आरोपियों ने खुद जाकर पुलिस की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई।

हत्या का भाजपा कनेक्शन

पुलकित आर्य बीजेपी नेता और पूर्व राज्य मंत्री विनोद आर्य का बेटा है। विनोद राज्य मंत्री रहे हैं। वह बीजेपी ओबीसी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी हैं और यूपी के सह-प्रभारी हैं। इस मामले में कांग्रेस भी खासा सक्रिय हो गई है। वहीं, भाजपा भी एक्शन से पीछे नहीं हट रही है। इधर, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आरोपियों को कड़ी सज़ा दिलाई जाएगी।

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