Ankita Dhyani story:- यदि प्रतिभा और हुनर को मेहनत के साथ जोड़ा जाए, तो जीवन का कठिन से कठिन मुकाम हासिल किया जा सकता है। ऐसी ही एक कहानी है उत्तराखंड की प्रतिभाशाली बेटी अंकिता ध्यानी की। एक छोटे से किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाली अंकिता ने अपनी प्रतिभा के दम पर नया मुकाम हासिल किया है। उत्तराखंड की अंकिता ध्यानी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने प्रतिभा का जलवा बिखेर कर, ना सिर्फ अपने राज्य बल्कि अपने देश को भी गौरवंतित महसूस कराया है। बता दें कि अंकिता ध्यानी ने एशियाई इंडोर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में रजत पदक जीत कर यह सफलता अर्जित की है।
तेहरान में आयोजित एशियाई इंडोर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में सोमवार सुबह महिला वर्ग की 3000 मीटर की दौड़ आयोजित हुई थी। इसमें भारत का प्रतिनिधित्व उत्तराखंड की अंकिता ध्यानी ने किया था। अंकिता ध्यानी ने 3000 मीटर दौड़ को 9 मिनट 26.22 सेकंड के समय के अंतराल में पूरा किया। उनकी शानदार प्रदर्शन के चलते अंकिता ध्यानी को रजत पदक से नवाजा गया।
बताते चलें कि अंकिता ध्यानी मूल रूप से पौड़ी जिले के जहरीखाल ब्लॉक के मेरुरा गांव की रहने वाली है। अंकिता के पिता महिमानंद ध्यानी एक किसान है। अंकिता ने अपनी एथलेटिक्स की बारीकियां उत्तरकाशी एथलीट हॉस्टल में रहकर सीखी है। इससे पहले अंकिता 2023 में एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 5000 मीटर दौड़ में कांस्य पदक जीत चुकी है। यही नहीं 5000 और 1500 मीटर की इवेंट में इंडियन ग्रैंड प्रिक्स में अंकिता को स्वर्ण मेडल भी मिला था। इसके साथ ही नेशनल फेडरेशन कप में भी अंकिता ने स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। अपने एथलेटिक्स करियर में अंकिता अब तक कुल 11 स्वर्ण सहित करीब 15 रजत और कांस्य पदक जीत चुकी है।