हरिद्वार: मकर सक्रांति पर हरिद्वार तीर्थ स्थान पर स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। इसे नियंत्रित करने के लिए सिर्फ तीन डुबकियां लगाने की ही अनुमति दी गई। देर रात 12 बजे के बाद से श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था। लगभग 7 लाख 11 हजार श्रद्धालुओं ने डुबकी लगा कर पुण्य कमाया। चारों ओर हर-हर गंगे, जय मां गंगे के जयघोष सुनाई देने लगे।
श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते ब्रह्मकुंड पर पांव रखने तक की जगह नहीं मिली। पुलिस महानिरीक्षक संजय गुंज्याल स्नानार्थियों की संख्या,वाहनों की संख्या एवं यातायात की स्थिति का जायजा लेते रहे। अभिसूचना विभाग के अधिकारी और कर्मचारी हरकी पौड़ी समेत अन्य घाटों पर लगातार चेकिंग करते नजर आए।
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हरकी पौड़ी, ब्रह्मकुंड के साथ ही घाटों पर कोरोना गाइडलाइन का पालन करते कुछ श्रद्धालु ही नजर आए। ज्यादातर श्रद्धालुओं ने दो गज की दूरी मास्क है जरूरी का पालन करना जरूरी नहीं समझा। हालांकि, सभी जगहों पर प्रशासनिक कर्मियों और सुरक्षाकर्मियों की तैनाती जरूर नजर आई। मकर संक्रांति पर्व पर हरिद्वार जिला प्रशासन और कुंभ मेला पुलिस ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा और व्यवस्था को बनाए रखने के लिए कड़े इंतजाम किए हुए थे।
गायत्री परिवार और साईं मंदिर समिति की ओर से मणिकर्णिका घाट पर श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क चाय की व्यवस्था की गई थी। साथ ही आने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा निकालने के लिए प्रशासन ने चमगादड़ पार्किंग को निशुल्क किया हुआ था। यहां आने वाली हर छोटी और बड़ी गाड़ी की संख्या के आधार पर श्रद्धालुओं का आंकड़ा निकाला गया।
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