हल्द्वानी: शहर में ऑटो का संचालन दशकों से हो रहा है। क्या आपकों पता है कि केवल ऑटो संचालक ही नही बल्कि ऑटो स्टैंड भी हर महीने लाखों की कमाई करता है। इसका फायदा जरूरतमंदों को कम बल्कि पदाधिकारियों को मिलता है। हर माह दो से तीन लाख रुपये कमाई करने वाले ऑटो स्टैंड के रुपए का क्या होता है इस बारे में ज्यादातर लोगों को नहीं पता। अब ये हालात बदलने वाले हैं।
ऑटो स्टैंड की कमाई के सही इस्तेमाल को लेकर नई नीति बनाई जा रही है। इससे रिक्शा चालकों को कई तरह के लाभ दिए जाएंगे। ऑटो स्टैंड की कमाई का ब्यौरा स्वयं सहायता समूह , एसएचजी के सदस्य द्वारा रखा जाएगा। स्टैंड का संपूर्ण संचालन एसएचजी द्वारा किया जाएगा। ऑटो स्टैंड की कमाई को सुरक्षित रखा जाएगा। सभी खर्च निकलने के बाद जरूरमंद सहयोगी को कम ब्याज पर लोन दिया जाएगा। वहीं किसी की मौत या घायल होने पर सहायता का प्राविधान भी इसी में किया गया है। नए वाहन की खरीद के लिए बैंक से कम ब्याज पर ऋण स्वयं सहायता समूह के सदस्य को दिया जाएगा।
इस मुहिम से स्टैंड पर आने वाले सभी सदस्यों को जोड़ा जाएगा। कालाढूंगी ऑटो स्टैंड नई नीति को लेकर पहले ही सहमति दे चुका है। उनकी कोशिश है कि अन्य ऑटो स्टैंड संचालकों को इससे जोड़ा जाएगा। बता दें कि शहर के आटो स्टैंड की कमाई कुछ पदाधिकारी ही प्रयोग कर रहे हैं। जिसमें वह मनमाने तरीके से अपनी जेब भर रहे हैं। दो से तीन लाख रुपये प्रतिमाह की कमाई वह कहां उपयोग कर रहे हैं, इसकी पारदर्शी व्यवस्था किसी के पास नहीं है। ऐसे में पारदर्शिता रखने के लिए नई व्यवस्था को फ्लोर पर उतारा जा रहा है। सीओ सिटी शांतनु परासर ने बताया कि इस संबंध में सिटी मजिस्ट्रेट से वार्ता कर लोगों को इसका लाभ दिलाया जाएगा। जिससे रिक्शा चालकों को भी सम्मान की जिंदगी जीने का अवसर मिले।