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कितने सुरक्षित है आप और आपकी गाड़ी, देखें क्रैश टेस्ट की ये खास रिपोर्ट


नई दिल्ली: भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाली एसयूवी में से एक Maruti Suzuki Vitara Brezza को अमेरिका की ग्लोबल एनसीएपी (न्यू कार असेस्मेंट प्रोग्राम) द्वारा आयोजित क्रैश टेस्ट में 4-स्टार रेटिंग मिली है।

वहीं, इसी क्रैश टेस्ट में Renault Lodgy को 0-स्टार मिला है। ड्यूल एयरबैग्स, एबीएस और Isofix से लैस मारुति सुजुकी विटारा ब्रेजा को अडल्ट (वयस्क) प्रोटेक्शन में 4 स्टार मिले हैं, जबकि चाइल्ड प्रोटेक्शन में इस कार को 2 स्टार रेटिंग मिली।Maruti Suzuki Vitara Brezza2

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ग्लोबल एनसीएपी (जीएनसीएपी) ने कहा है कि बिना एयरबैग्स के रेनॉ लॉजी के स्टैंडर्ड वर्जन को अडल्ट प्रोटेक्शन में 0-स्टार मिले, जबकि चाइल्ड प्रोटेक्शन में इसे 2 स्टार मिले हैं। लॉजी को 0-स्टार रेटिंग कुछ हद तक एयरबैग्स की कमी के कारण मिली है। क्रैश टेस्ट का यह रिजल्ट गुरुवार को फरीदाबाद स्थित कॉलेज ऑफ ट्रैफिक मैनेजमेंट में आयोजित जीएनसीएपी के ग्लोबल समिट में घोषित किया गया।Maruti Suzuki Vitara Brezza2

ग्लोबल एनसीएपी के सेक्रेटरी जनरल डेविड वार्ड ने कहा, ‘मारुति सुजुकी विटारा ब्रेजा को 4 स्टार मिलना प्रभावित करता है। यह भारत की प्रमुख वाहन निर्माता कंपनी की सेफ्टी इंजीनियरिंग क्षमता को दिखाता है। साथ ही यह भारत सरकार के नए क्रैश टेस्ट स्टैंडर्ड के असर को भी दर्शाता है, जिससे वाहनों का सेफ्टी लेवल बढ़ाने में मदद मिली है। उम्मीद है कि जल्द ही हम भारत में 5-स्टार रेटिंग वाली कार देखेंगे।’

जानें कारों के कुछ खास सेफ्टी फीचर्स

एबीएस यह सुनिश्चित करता है कि अचानक या तेजी से ब्रेक लगने पर गाड़ी के वील्स लॉक न हों। गाड़ी में ABS होने से अचानक ब्रेक लगाने पर यह अनियंत्रित नहीं होती और ड्राइवर गाड़ी का संतुलन नहीं खोता, जिससे दुर्घटना की आशंका कम या काफी हद तक खत्म हो जाती है।

दुर्घटना के समय कार टकराने की स्पीड के अनुसार एयरबैग्स खुलते हैं। टक्कर लगने पर कार का एक्सीलेरोमीटर सर्किट ऐक्टिव होकर इलेक्ट्रिकल करंट देता है और फिर आगे लगे सेंसर से एयरबैग को सिग्नल मिलता है। इसके बाद एयरबैग लगभग 1/20 सेकंड समय में करीब 320 किमी प्रतिघंटा की गति से फूल जाता है। कार जब किसी चीज से टकराती है तो एयरबैग्स होने से आगे बैठे लोग डैश बोर्ड में टकराने से बचते हैं। साथ ही चोट लगने की आशंका कम हो जाती है।

कार बैक (पीछे) करते वक्त जब किसी चीज के बेहद नजदीक आ जाती है, तो गाड़ी के बैक साइड में लगे ये सेंसर्स ड्राइवर को साउंड के जरिए वॉर्न कर देते हैं। इससे कार पीछे की तरफ टकराने से बच जाती है। रिवर्स पार्किंग सेंसर गाड़ी का बेहद अहम फीचर होता है।

यह सुविधा और सुरक्षा दोनों लिहाज से बेहद उपयोगी है। दरअसल, गाड़ी में लगा इंटरनल रियर व्यू मिरर (IRVM) पीछे आ रही गाड़ी को देखने के लिए बेहद उपयोगी होता है। मगर कुछ ड्राइवर्स हर वक्त हाई बीम का इस्तेमाल करते हैं, जिससे IRVM में चमक पैदा होने लगती है। अगर IRVM में डे-नाइट मिरर है, तो इससे चमक अजस्ट की जा सकती है।

हेड रिस्ट्रेंट्स दुर्घटना के समय मदद करते हैं। इनके लगे होने से टक्कर के वक्त गर्दन और कंधों को चोट कम आती है। बैठते वक्त इसकी पोजिशन को हाइट के हिसाब से अजस्ट करके बैठना चाहिए। इसकी हाइट कम से कम अपनी आंखों तक रखनी चाहिए।

इस फीचर के जरिए बस एक बटन से कार के सारे दरवाजे लॉक किए जा सकते हैं। गाड़ी चलाते वक्त इस फीचर से आसानी से यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि सारे दरवाजे लॉक हैं। सुरक्षा और सेफ्टी के लिहाज से सेंट्रल लॉकिंग सिस्टम भी बेहद उपयोगी है।

दुर्घटना से बचाने में यह फीचर काफी महत्वपूर्ण होता है, खासकर सर्दियों में। सर्दियों के मौसम में फॉग होने की वजह से रोशनी सही तरह नहीं मिल पाती, जिससे दुर्घटना का खतरा काफी बढ़ जाता है। फॉग लाइट खराब मौसम में सही विजन देती है।

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