राजधानी देहरादून में इंडियन मिलिट्री एकेडमी की पासिंग आउट परेड हुई। पासिंग आउट परेड में 425 कैडेट्स शामिल थे। इन कैडेट्स में 9 मित्र देशों के 84 कैडेट्स भी शामिल थे। आर्मी की वेस्टर्न कमांड के जनरल ऑफिसर कमांडिग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल आरपी सिंह ने परेड की सलामी ली। लेफ्टिनेंट जनरल सिंह रिव्यूविंग ऑफिसर थे। कोरोना महामारी के चलते पिछले साल की तरह इस साल भी कैडेट्स के परिजन पासिंग आउट परेड में शामिल नहीं हो सके।
उत्तराखंड में युवा भी इस परेड का हिस्सा बनें। गरूड़ तहसील के सीमा गांव के रहने वाले मेघ पंत भारतीय सेना का हिस्सा बने हैं। उनके सेना में लेफ्टिनेंट बनने की खबर जैसे ही गांव में पहुंची जो सभी खुशी से झूम पड़े। सभी मेघ पर गर्व महसूस कर रहे हैं। उन्हें लगता है कि मेघ के इस परिश्रम को देखकर गांव के युवा भी आगे बढ़ेंगे।
कत्यूर घाटी स्थित सीमा गांव निवासी मेघ पंत के पिता भाष्कर चंद्र पंत भारतीय से रिटायर हैं। उनके पिता आर्मी मेडिकल कोर में थे। वहीं मां ममता पंत आर्मी स्कूल में अध्यापिका रह चुकी हैं। मेघ की बहन मेघना एक मल्टी नेशनल कंपनी में हैं।
लेफ्टिनेंट मेघ के पिता आर्मी में थे तो उन्होंने अपनी पढ़ाई आर्मी स्कूल से ही पूरी की। आर्मी पब्लिक स्कूल धौलाकुंआ से 12वीं पास करने के बाद उन्होंने एनडीए क्लियर किया और एनडीए खड़ंगवासला में प्रवेश पाया। मेघ बचपन से मेधावी रहे। इसके अलावा उन्हें पेंटिंग और संगीत का भी शौक है। मेघ ये मुकाम चार साल की कड़ी मेहनत के बाद हासिल किया है। उन्होंने कामयाबी का श्रेय माता-पिता, परिवार व गुरुजनों को दिया है।