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सात साल सैनिक रहने के बाद सेना में अधिकारी बने देवभूमि के भरत, पिता ने कहा बेटा अफसर बन गया

सात साल सैनिक रहने के बाद सेना में अधिकारी बने देवभूमि के भरत, पिता ने कहा बेटा अफसर बन गया

देहरादून: देवभूमि को सैन्य भूमि ऐसे ही नहीं कहा जाता। यहां से भारी संख्या में युवा देश सेवा के लिए सरहदों पर जाते हैं। अफसरों के तौर पर देश की रक्षा करते हैं। इसी क्रम में देहरादून के भरत सिंह (Bharat Singh of Dehradun) भी सात साल सैनिक के तौर पर ड्यूटी करने के बाद भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गए हैं। इस मौके पर उनके पिता ने कहा ‘मेरा बेटा साहब बन गया’।

बता दें कि देहरादून निवासी भरत सिंह सिपाही (Soldier) के तौर पर सात साल पहले बतौर सिपाही 12 मैकेनाइज्ड इंफेंट्री रेजिमेंट (12 mechanised infantry regiment) में शामिल हुए थे। लीडरशिप की क्षमता ने उन्हें सेना में अफसर बनने के लिए प्रेरित किया। सात साल की ड्यूटी के बाद उन्हें आर्मी कैडेट कॉलेज (Army cadet college) ने सैन्य अफसर बनने का मौका दिया। यहां से आईएमए पहुंचने के बाद भरत की मेहनत रंग लाई।

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मेहनत का फल शनिवार को मिला जब भरत को बतौर लेफ्टिनेंट (lieutenant) भारतीय सेना में शामिल किया गया। पिता बलवंत सिंह बेटे के कंधों पर सितारे सजाते वक्त भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि ‘मेरा बेटा साहब बन गया’। भरत की कामयाबी के पीछे जहां उनकी लगन व मेहनत थी वहीं उनके परिवार से मिली प्रेरणा भी थी।

भरत के दादा, पिता और ताऊ सेना में रहे हैं। भरत के दादा सेना बतौर सिपाही, पिता बलवंत सिंह नायक और ताऊ हवलदार के रैंक से सेवानिवृत्त हैं। उनके बड़े भाई भी मौजूदा वक्त में 12 मैकेनाइज्ड इंफेंट्री रेजिमेंट में हवलदार के तौर पर सेवाएं दे रहे हैं। भरत ने सैन्य परंपरा को आगे बढ़ाते हुए परिवार का मान बढ़ाया है। इस दौरान भारतीय सैन्य अकादमी (Indian Military Academy) में अंतिम पग भरते ही 319 नौजवान भारतीय सेना की मुख्यधारा में बतौर सैन्य अफसर शामिल हो गए।

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