National News

दिग्विजय सिंह की जीत के लिए ये बाबा 5 क्विंटल मिर्ची से करेंगे हवन ,जीत ना मिली तो लेंगे समाधि


 

नई दिल्ली:चुनाव की खुमारी इतनी गहराई तक प्रत्याशियों को प्रभावित कर रही है की जीतने के लिए हर किसी ने एड़ी चोटी का पसीना एक किया हुआ है।धर्म,भाषा,जाति,लोकव्यवहार,ऐसा कोई रास्ता नहीं जिसका प्रत्याशी सहारा न ले रहे हों।कुछ प्रत्याशियों को तो जीत का ऐसा नशा है कि उन्हें जीत के आगे कुछ दिखाई नहीं दे रहा है । वहीं उनके समर्थकों ने भी हदें पार की हुई हैं।ऐसी श्रेणी में द‍िग्व‍िजय सिंह के एक समर्थक श्री वैराग्यनंद गिरी महाराज का नाम भी जुड़ गया है।इस बार भोपाल लोकसभा सीट से कांग्रेस के महासचिव और राज्यसभा सांसद द‍ग्व‍िजय सिंह चुनाव मैदान में हैं जिनके सामने हिंदुत्व का नया चेहरा बनी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर हैं। भोपाल लोकसभा सीट के लिए जैसे-जैसे मतदान की तारीख पास आती जा रही है, वैसे-वैसे यहां मुकाबले में उतरे मुख्य प्रत्याशियों के समर्थन में नए-नए दावे किए जा रहे हैं।

अपने प्रत्याशी को जीताने की होड़ में ऐसा ही एक दावा पंचायती श्रीनिरंजनी अखाड़ा महामंडलेश्वर श्री वैराग्यनंद गिरी महाराज ने सोमवार को भोपाल में किया है कि वे दिग्विजय सिंह के लिए एक मिर्ची यज्ञ करने जा रहे हैं। यदि दिग्विजय सिंह इस चुनाव में जीत हासिल नहीं करते हैं तो वे उसी जगह जिंदा समाधि ले लेंगे, जहां यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है।

Join-WhatsApp-Group

साहस होम्योपैथिक की ये टिप्स मानसिक रोग से दिलाएगी निजात

पंचायती श्रीनिरंजनी अखाड़ा महामंडलेश्वर श्री वैराग्यनंद गिरी महाराज वैराग्यनंद ने भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा, “जो आज हमारे यहां सनातन धर्म को बांटा जा रहा है, धर्म के ऊपर कई लोग राजनीति करना चाहते हैं। तो मैं कहना चाहूंगा कि हिंदुत्व के ऊपर राजनीति नहीं होग, सनातन धर्म के ऊपर राजनीति नहीं होगी। दिग्विजय सिंह के साथ भारत के संत साथ हैं।

मां कामाख्या का आह्वाहन करके गिरी महाराज दिग्विजय सिंह की जीत को सुनिशचित करना चाहते हैं।दिग्विजय सिंह की जीत को लेकर वैराग्यनंद ने प्रण करते हुए कहा, “5 तारीख को मां कामाख्या का प्रचंड 5 क्व‍िंटल मिर्ची से यज्ञ होने जा रहा है जिसमें पूरी लाल मिर्ची रहेगी और कोई धस नहीं आएगी।मैं दावा करता हूं कि इसकी वजह से दिग्विजय सिंह की जीत होगी। और यदि किसी कारणवश नहीं होती है तो मैं महामंडलेश्वर वहीं, उसी जगह जिंदा समाधि ले लूंगा, ये मेरा प्रण है।”इतना बढ़ा दावा करने के बाद यह एक दिलचस्प चुनाव माना जा रहा है।यह गिरी महाराज वैराग्यनंद और उनके सर्मथकों के लिए वाकई दुविधा भरा मुद्दा है।

To Top