हल्द्वानी: नैनीताल हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए हल्द्वानी की गफूर बस्ती पर से अतिक्रमण हटाने के आदेश दे दिए हैं। अतिक्रमणकारियों को एक हफ्ते का नोटिस देकर अतिक्रमण ध्वस्त करने के आदेश दिए हैं। मंगलवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति शरद शर्मा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने यह आदेश पारित किया है। इस मामले में पहले ही सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था। जिसे अब सुनाया गया है।
उल्लेखनीय है कि नौ नवंबर 2016 को हाईकोर्ट ने हल्द्वानी के समाजसेवी रविशंकर जोशी की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दस सप्ताह के भीतर रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था। साथ ही ये भी कहा था कि जितने भी अतिक्रमणकारी हैं, उनको रेलवे पीपी एक्ट के तहत नोटिस देकर जनसुनवाई की जानी चाहिए। जिसके बाद रेलवे की तरफ से हल्द्वानी में रेलवे की 29 एकड़ भूमि पर अतिक्रमण की बात कही गई थी। इनमें करीब 4365 अतिक्रमणकारी मौजूद हैं।
बता दें कि हाई कोर्ट के आदेश पर इन लोगों को पीपी एक्ट में नोटिस दिया गया, जिनकी रेलवे ने पूरी सुनवाई कर ली है। बता दें कि किसी भी व्यक्ति के पास जमीन के वैध कागजात नहीं पाए गए हैं। सुनवाई के दौरान पूर्व में अतिक्रमणकारियों की तरफ से कहा गया कि उनका पक्ष रेलवे ने नहीं सुना था, इसलिए उनको भी सुनवाई का मौका मिलना चाहिए। वहीं, रेलवे का कहना था कि सभी अतिक्रमणकारियों को पीपी एक्ट के तहत नोटिस जारी किए थे।
जबकि राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि यह राज्य सरकार की भूमि नहीं, यह रेलवे की भूमि है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट के बार-बार आदेश होने के बाद भी अतिक्रमण नहीं हटाने की बात कही। गौरतलब है कि पूर्व में कोर्ट ने सभी अतिक्रमणकारियों से अपनी-अपनी आपत्ति पेश करने को कहा था। जिसे सुनने के बाद फैसला सुरक्षित किया था और अब उसे सुना दिया गया है।