देहरादून: राज्य में चल रहे दरोगा भर्ती मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है। इस मामले को लेकर एक बार फिर प्रदेश भर में चर्चा तेज हो गई है। दरअसल, वर्ष 2015-16 में आयोजित उत्तराखंड पुलिस उप निरीक्षक भर्ती मामले में परीक्षा से पूर्व ओएमआर सीट से छेड़छाड़ कर कुछ परीक्षार्थियों को लाभ पहुंचाए जाने के मामले में दोषियों के खिलाफ अभियोग पंजीकृत किए जाने की सहमति प्रदान की गई है।
बता दें कि अपर सचिव कार्मिक ललित मोहन रयाल द्वारा निदेशक सतर्कता अधिष्ठान उत्तराखंड को परमिशन दे दी गई है। गौरतलब है कि हाल ही में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा के पेपर लीक मामले के बाद दरोगा भर्ती का मामला सामने आया था। जिसकी जांच की जिम्मेदारी विजिलेंस को दी गई थी।
विजिलेंस ने हाल ही में पंतनगर कृषि एवं तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा वर्ष 2015-16 में 339 पदों पर पुलिस उप निरीक्षक भर्ती मामले में ओएमआर शीट से छेड़छाड़ पर उत्तर प्रदेश की सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम 1998 की धारा 3, 45, 7, 9, 10 तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 संशोधन अट्ठारह की धारा 7 ए, 12, 13 1a तथा 13 दो के तहत मुकदमा दर्द करने की परमिशन मांगी गई थी। अब शासन स्तर पर विचार के बाद परमिशन दे दी गई है।