Uttarakhand Politics Update: देहरादून से IFS के ट्रांसफर को लेकर एक बड़े विवाद की खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि वन अधिकारी के ट्रांसफर को लेकर वन मंत्री और भाजपा विधायक के बीच हुई कहासुनी ने एक बड़े सियासी विवाद को जन्म दे दिया है। आपको बता दें कि यह कहा-सुनी अब केवल शब्दों तक सीमित नहीं रह गई है।
आज देहरादून से एक बड़े सियासी विवाद की खबर सामने आ रही है। यह विवाद पुरोला से भाजपा विधायक दुर्गेश्वर लाल और वन मंत्री के बीच का बताया जा रहा है। IFS के ट्रांसफर की मांग को लेकर पिछले दिनों भाजपा विधायक दुर्गेश्वर लाल वनमंत्री के आवास पर अपने समर्थकों के साथ धरना दे चुके हैं। अपने धरने का मुख्य कारण भाजपा विधायक ने अपनी विधानसभा में आने वाले 42 गांव से सम्बंधित बताया। जहाँ उन्होंने कहा कि उनके विधानसभा के 42 गांव गोविन्द वन्यजीव पशु विभाग की सीमा में आते हैं। जहाँ रहने वाले सभी गांववासियों के अधिकार पहले से तय हैं। लेकिन पार्क की डिप्टी डायरेक्टर अभिलाषा सिंह उन सभी के अधिकारों के साथ खिलवाड़ कर रही हैं, और क्षेत्र के विकास में बाधा उत्पन्न करने का काम कर रही हैं। जिसके लिए उन्होंने वन मंत्री के आवास पर धरना भी दिया है।
धरने से जुड़ी जानकारी देते हुए भाजपा विधायक दुर्गेश्वर लाल ने बताया कि वन मंत्री सुबोध उनियाल ने उनके साथ अपने आवास पर अभद्रता की। जिसके जवाब में वन मंत्री सुबोध उनियाल का कहना है कि भाजपा विधायक ने इस विषय से सम्बंधित सरकारी कागज़ मौके पर ही उनके सामने फाड़ डाले। जिसे वन मंत्री ने एक गंभीर कृत्य बताते हुए आगे की कार्यवाही को हाई कमांड के निर्णय पर छोड़ दिया है। भाजपा मंत्री और विधायक के बीच हुई इस गहमा-गहमी की सूचना मिलते ही भाजपा प्रदेशाध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने पुरोला विधायक को तलब किया है। लोकसभा चुनाव को लेकर हाल ही में हुई बैठक में सभी भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को उत्तराखंड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट पहले ही किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता से दूर रहने के निर्देश दे चुके हैं।