
बनबसा: डॉक्टर दीपक कृपाल की किताब सेंस ऑफ क्वाइट ने बाजार में दस्तक दी है। यह उनकी दूसरी किताब है। इस किताब को लिखने में लगभग दीपक को चार साल का समय लगा। इस पुस्तक में जटिल मानवीय संबंधों से उपजी परिस्थितियों पर भारतीय समाज में मौजूद वर्ग भेद, व्यक्तिगत महत्वकांक्षांऐं, धर्म, भ्रष्टाचार, सामाजिक दबाव के असर को दिखाया गया है।
इस किताब में मौजूद सभी पात्र और घटनाक्रम असल जीवन की घटनाओँ और चरित्रों से प्रभावित है। इस पुस्तक की पृष्ठभूमि हरिद्वार में बनाई गई है। किताब के तीन मुख्य पात्र पेशे से चिकित्सक हैं और अपने निजी करियर और आपसी संबंधों के जंजाल से जूझ रहे हैं। डॉक्टर दीपक कृपाल ने अपनी इस किताब के पात्रों को तैयार करने के लिए हरिद्वार में कई लोगों के इंटरव्यू लिए ताकि कहानी के पात्र अपनी बातचीत के अंदाज, भाषा के इस्तेमाल और अपने आसपास की दुनिया को देखने के परिपेक्ष्य में हकीकत के करीब लगे।
डॉक्टर दीपक और उनकी पत्नी दोनों ही पेशे से चिकित्सक हैं। उन्होंने बताया है यही वजह की उनकी इस कहानी के पात्र भी चिकित्सक हैं। और चिकित्सक निजी और पेशेवर जीवन में किस तरह की मनोवैज्ञानिक परिस्थितियों से गुजरते हैं। इसका उन्हें गहराई से आभास है। डॉक्टर दीपक वर्तमान में एन.टी.पी.सी में सेवाएं दे रहे हैं। उनकी किताब सेंस ऑफ क्वाइट देशभर में प्रमुख बुक स्टोर्स के अलावा आनलाइन रिटेल आउटलेट्स अमेजन, फिल्पकार्ट पर भी उपलब्ध है।






