नैनीताल: हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा को लेकर बड़ी राहत दी है। हाई कोर्ट ने चारधाम यात्रा पर लगाई गई रोक हटा दी है लेकिन कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होगा। केदारनाथ धाम में प्रतिदिन 800 भक्त या यात्रियों, बद्रीनाथ धाम में 1200, गंगोत्रि में 600 और यमनोत्री धाम में कुल 400 भक्तों जाने की अनुमति मिलेगी। इसके अलावा कोरोना वैक्सीन और कोरोना वायरस की नेगेटिव रिपोर्ट होना भी जरूरी है। भक्तों की सुरक्षा के लिहाज से चारधाम यात्रा के दौरान चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में आवयश्यक्तानुसार पुलिस फोर्स लगाई जाएगी। हाईकोर्ट ने कहा भक्त किसी भी कुंड में स्नान नहीं कर सकेंगे। अधिवक्ता अभिजय नेगी ने हाईकोर्ट के फैसले पर कहा कि यात्रा के खोले जाने को लेकर सहमति है। चारधाम यात्रा को लेकर सरकार की तैयारियां पहले से पूरी होती तो रोक नहीं लगाई जाती। कोर्ट ने उम्मीद जताई है कि सरकार यात्रा को लेकर पूर्ण सुरक्षित व्यवस्था बना पाएगी।
गुरुवार को नैनीताल हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस आरएस चौहान और जस्टिस आलोक कुमार वर्मा की बेंच ने सरकार के शपथपत्र पर सुनवाई करते बड़ी राहत दे दी।बता दें कि 26 जून को कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए कोर्ट ने चारधाम यात्रा पर रोक लगा दी थी। इसके बाद जुलाई माह में धामी सरकार चार हफ्ते की हाईकोर्ट स्टे के खिलाफ एसएलपी लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची लेकिन दो माह बीत जाने के बाद भी सरकारी वकील मामले की लिस्टिंग तक नहीं करा पाए। इसके बाद सरकार फिर से हाईकोर्ट पहुंची थी। चारधाम यात्रा बंद होने के वजह से राज्य सरकार को लोगों के विरोध का सामना करना पड़ रहा था।