टिहरी: मंजिल का रास्ता भीषण संघर्ष से ही होकर गुजरता है। उत्तराखंड के युवा संघर्ष की सीढ़ी पर चढ़ने से परहेज नहीं करते। शायद यही कारण है कि यहां के युवा अपनी मंजिल को आसानी से पा लेते हैं। टिहरी के पुजार गांव निवासी सुयश भट्ट ने बड़े-बड़े ऑफर्स को ठुकरा कर अपना खुद का स्वरोजगार स्थापित किया है। आपको बता दें कि सुयश के रिसर्च को कैंब्रिज यूनिवर्सिटी ने भी पुरस्कृत किया है।
वर्तमान में गौलापार के नवाड़खेड़ा क्षेत्र में एग्रीकल्चर इंडस्ट्रीज का काम शुरू करने वाले एमपी भट्ट के पुत्र सुयश भट्ट ने साल 2018 में लंदन की कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से पढ़ाई शुरू की। उन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से एमबीए की डिग्री हासिल की। खास बात यह रही कि सुरेश भट ने इसके बाद कोई नौकरी नहीं की बल्कि अपना स्टार्टअप http://Foodbud.ai शुरू किया।
बता दें कि कैंब्रिज यूनिवर्सिटी ने सुयश भट्ट की खाने की शैली पर किए जा रहे रिसर्च की भी प्रशंसा की है। साथ ही पर्याप्त सहयोग का भी आश्वासन दिया है। यही नहीं कैंब्रिज यूनिवर्सिटी ने इस रिसर्च को आदर्श मानते हुए उन को पुरस्कृत भी किया है। देवभूमि के सुयश भट्ट उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा हैं जो अपने परिवार और राज्य का नाम रोशन करना चाहते हैं।
सूयश के पिता एमपी भट्ट की बात करें तो वह लखनऊ में पर्वतीय फलों पर रिसर्च करते हुए फलों के जूस की गुणवत्ता के क्षेत्र में काम करते हैं। इनकी कंपनी एमसीबी एग्रोटेक प्राइवेट लिमिटेड के न्यूट्रेयूट्रीकल एंड इम्यूनिटी बूस्टर प्रोडक्ट पूरे देश के कोने कोने में प्रसिद्ध हैं। खासकर बूस्टर सिरप सबसे ज्यादा फेमस है। इसे पर्वतीय क्षेत्रों के फलों से तैयार किया जाता है।