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अधूरा रह गया एक सपना…रिटायरमेंट के बाद पौड़ी स्थित अपने गांव में बसना चाहते थे जनरल रावत

अधूरा रह गया एक सपना...रिटायरमेंट के बाद पौड़ी स्थित अपने गांव में बसना चाहते थे जनरल रावत

नई दिल्ली: बीते दिन कुन्नूर में सेना का हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया। ये हेलिकॉप्टर सीडीएस जनरल बिपिन रावत (CDS General Bipin Rawat), उनकी पत्नी मधुलिका रावत (Wife Madhulika Rawat) समेत कुल 14 लोगों को लेकर जा रहा था। हादसे में ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को छोड़कर बाकी सभी हमारे बीच नहीं रहे। उत्तराखंड में जनरल बिपिन रावत के निधन से हर आंख नम है। ये जानते हुए दुख और हो रहा है कि बिपिन रावत का अपने पैतृक गांव (born place) में बसने का सपना अधूरा ही रह गया।

बता दें कि देश के पहले सीडीएस (first CDS) जनरल बिपिन रावत उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल स्थित एक छोटे से गांव सैण (Uttarakhand Pauri village Sainn) में जन्मे थे। हालांकि उन्होंने यहां ज्यादा समय नहीं बिताया मगर जनरल रावत का अपने गांव से लगाव बहुत था। 2018 में जब वह अपनी पत्नी मधुलिका रावत के साथ गांव पहुंचे थे, तब वह भावुक हो गए थे। एक तरफ उन्हें यहां आकर अपनों से मिलने की खुशी थी तो वहीं गांव की में पलायन की स्थिति देखकर वह उदास भी हुए।

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दरअसल सड़क से करीब एक किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई पर बसे इस गांव से कई सारे परिवारों ने पलायन (getaway) कर लिया। जो लोग अब भी वहां रहे रहे थे, उन्होंने जनरल बिपिन रावत का जोरदार स्वागत (warm welcome) किया था। पलायन से खाली हुए गांव को लेकर जनरल बिपिन रावत ने फैसला किया था कि वह कोई ठोस कदम जरूर उठाएंगे। उन्होंने परिवार के साथ बातचीत में गांव में ही घऱ बनाने की इच्छा (Desire to build home in village) भी जताई थी। जनरल रावत ने कहा कि वो रिटायरमेंट के बाद अपने पैतृक गांव में ही रहेंगे। जिसके बाद उनके चाचा भरत सिंह रावत ने उन्हें गांव में जमीन भी दिखाई थी।

जनरल बपिन रावत ने चाचा भरत सिंह के आवास के पस ही एक खेत में घर बनाने पर सहमति जताई थी। गांव वाले भी बहुत खुश थे कि अब जनरल बिपिन रावत यहीं पर मकान बनवा रहे हैं। उन्होंने इस इलाके के बच्चों के लिए कोटद्वार में आर्मी पब्लिक स्कूल (Army public school in Kotdwar) खोलने की भी बात कही थी। गांव तक सड़क बनाने के लिए उन्होंने सरकार से बात करने का वादा भी किया था। जनरल रावत ने इस दौरान गढ़वाल रेजिमेंट के जवानों के लिए आवास बनाने की योजना की आधारशिला भी रखी थी।

मगर बीते दिन हुए अति दुखद हादसे ने ना सिर्फ देश वासियों, उत्तराखंड वासियों, एक परिवार से सीडीएस जनरल बिपिन रावत को नहीं छीना बल्कि एक सपने को भी तोड़ दिया। जनरल बिपिन रावत का अपने पैतृक गांव में बसने का सपना पूरा नहीं हो सका। गांव में बिपिन रावत का घर तैयार हो रहा है। लेकिन इसमें सिर्फ उनकी यादें ही रह जाएंगी।

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