देहरादून: चमोली जिले के जोशीमठ में जमीन धसने के मामलों ने चिंताएं बढ़ा दी है। लोगों के घरों में दरारे देखी गई हैं और वह अपने पुस्तैनी घर छोड़कर चले गए हैं। बदरीनाथ धाम से महज 50 किलोमीटर दूर जोशीमठ में सड़कें फट रही है। स्थानीय लोगों ने सरकार और प्रशासन को इसका जिम्मेदार बताया है। उनका कहना है कि बिना सोचे समझे निर्माण और कुदरत से खिलवाड का खामियाजा हमें भुगतना पड़ रहा है।
वैज्ञानिकों से लेकर एक्सपर्ट की टीम मोर्चे पर तैनात है। सरकार के लिए पहली प्राथमिकता लोगों को बचाना है। जोशीमठ में रहने वाले 50 से ज्यादा परिवार दूसरी जगह शिफ्ट हो गए हैं। इसके साथ ही जिला प्रशासन ने एनटीपीसी के तपोवन विष्णुगढ़ हाइड्रो प्रोजेक्ट समेत क्षेत्र में चल रहे निर्माण को रोक दिया है। इसके साथ ही एशिया के सबसे बड़ी रोपवे के काम को भी रोकने के आदेश जारी किए गए हैं। जिला प्रशासन के अनुसार 570 घरों में दरारे देखी गई हैं और 100 घरों में रहना संभव नहीं है। लोगों की सुरक्षा को देखते हुए उन्हें सुरक्षित स्थानों में शिफ्ट कराया जा रहा है।