देहरादून: राज्य में हालात ठीक नहीं चल रहे हैं। कोरोना वायरस से जंग जारी है तो वहीं प्रकृतिक आपदा भी डर का माहौल पैदा कर रही है। फरवरी में चमोली में ग्लेशियर फटने की घटना ने पूरे देश के सकते में डाल दिया था। इस हादसे में सैकड़ों को लोग लापता हो गई। 7 फरवरी को आई आपदा में अभी भी कई लोग लापता है। ग्लेशियर टूटने की खबर शुक्रवार को चमोली से सामने आई तो पूरा उत्तराखंड लोगों की सलामती की दुआ करने लगा।
ग्लेशियर टूटने से भारत-चीन सीमा क्षेत्र सुमना में बीआरओ के कैंप के समीप ग्लेशियर टूटकर मलारी-सुमना सड़क पर आ गया है।ताजा जानकारी के मुताबिक ग्लेशियर की जद में आए 384 लोगों को बचाया गया है। वहीं 8 लोगों की मौत की खबर भी सामने आई है।
#WATCH | Uttarakhand: CM Tirath Singh Rawat conducts an aerial survey of Sumna area of Joshimath Sector in Chamoli district, where an avalanche occurred yesterday during heavy snowfall. pic.twitter.com/Iq8bz1hFYC
— ANI (@ANI) April 24, 2021
घटना की जानकारी मिलने के बाद से सीएम तीरथ सिंह रावत बीआरओ और जिला प्रशासन के संपर्क में हैं। उन्होंने रात में ही अलर्ट जारी कर दिया था। इसके अलावा नीति घाटी के सुमना में ग्लेशियर टूटने की घटना का गृह मंत्री अमित शाह को मिल गई है। सीएम ने कहा कि उन्होंने हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया है और आईटीबीपी को संतर्क रहने को कहा है।
मुख्यमंत्री ने आज आपदा ग्रस्त इलाके का मुआयना किया। उन्होंने कहा कि आपदा ग्रस्त क्षेत्र में भारी मात्रा पर बर्फ है। बीआरओ की टीम उसे हटाने का प्रयास कर रही है। पिछले तीन दिनों से नीती घाटी में अत्यधिक बर्फबारी हो रही है। मलारी से आगे जोशीमठ-मलारी हाईवे भी बर्फ से ढक गया है, जिससे सेना और आईटीबीपी के वाहनों की आवाजाही भी बाधित हो गई है।