देहरादून: उत्तराखंड में बीता काफी समय आंदोलनों में गुजरा है। अंकिता हत्याकांड से लेकर पेपर लीक मामलों तक, पिछले छह महीने या एक साल में कई ऐसे मौके रहे जहां सरकार बैकफुट पर रही और युवा सड़कों पर उतरने को मजबूर हो गए। इस बार भी कहानी कुछ नई नहीं है। युवा अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए सड़कों पर हैं। ऐसे में भले ही सरकार द्वारा लगातार कार्रवाई का आश्वासन दिया जा रहा हो मगर सच्चाई ये है कि 12 फरवरी को होने वाली लेखपाल पटवारी परीक्षा में वो 44 नकलची भी शामिल होंगे, जिनकी सूची सार्वजनिक की गई है।
जी हां, एक ओर आंदोलनरत युवाओं के जोश, जूनन और प्रतिबंध संकल्पों ने उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग और सरकार के पसीने छुड़ा दिए हैं। इसी कड़ी में युवाओं की सभी मांगे स्वीकारने की बातें कही जा रही है। शनिवार सुबह एक सूची भी सार्वजनिक की गई, जिसमें नकलचियों के नाम थे। मगर अब लोक सेवा आयोग द्वारा स्पष्ट कर दिया गया है कि 12 फरवरी को आयोजित की जाने वाली लेखपाल पटवारी भर्ती परीक्षा को किसी भी हालत में स्थगित नहीं किया जाएगा।
गौरतलब है कि राज्य लोक सेवा द्वारा इस परीक्षा का आयोजन प्रदेश के सभी जनपदों के 498 परीक्षा केंद्रों पर किया जाएगा। ध्यान रहे कि इस परीक्षा के लिए 158210 अभ्यर्थियों ने आनलाइन आवेदन किया था। चौंकाने वाली बात ये है कि 8 जनवरी को आयोजित पटवारी लेखपाल भर्ती परीक्षा में नकल में संलिप्त पाए गए 44 अभ्यर्थियों को भी परीक्षा में बैठने का मौका मिलेगा। हालांकि, उनके नाम सार्वजनिक करने के साथ उन्हें स्पष्टीकरण देने को 15 दिन का समय मिला है।
मगर यह भी लाजमी है कि 15 दिन का यह समय अभी नहीं बीता है। ऐसे में आयोग द्वारा इन्हें 12 फरवरी को आयोजित होने वाली भर्ती परीक्षा में ये लोग भी शामिल हो सकेंगे, इन्हें प्रतिबंधित नहीं जा सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस संबंध में आयोग के अधिकारियों ने अभ्यर्थियों का स्पष्टीकरण प्राप्त होने के बाद ही इन नकलचियों पर अग्रिम कार्रवाई किए जाने की बात स्वीकार की है।