Uttarakhand News

मुख्यमंत्री से नहीं… बाल दिवस पर स्कूल के बच्चे धामी अंकल से मिले


देहरादून: कहते हैं बच्चे मन के सच्चे। बच्चों का मन निश्छल होता है और उनका मन उन्ही लोगों के साथ खुश रहता है जो खुद निश्छल होते हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की बच्चों के साथ केमिस्ट्री देखने लायक होती है। धामी अंकल के साथ बच्चे चहक उठते हैं। धामी खुद भी बच्चों के बीच पूरी तरह रम जाते हैं। जब भी वे बच्चों के साथ होते हैं, उनकी चेहरे पर स्वाभाविक हंसी और मुस्कान सबको आकर्षित करती है। मुख्यमंत्री धामी भी बच्चों में घुलने मिलने और उनसे बातें करने का कोई अवसर नहीं गंवाते। धामी की सहजता, सरलता और हंसमुख चेहरा उन्हें बच्चों में लोकप्रिय बना रहा है। धामी के चेहरे की स्वाभाविक मुस्कान के तो प्रधानमंत्री मोदी भी कायल हैं। माणा गांव में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को यह कहकर संबोधित किया था कि “जिनके चेहरे पर स्मित (मुस्कान) रहता है।”

मुख्यमंत्री धामी का बच्चों के साथ संवाद एक तरफा नहीं होता है। जितना धामी बातचीत करते हैं उससे ज्यादा बच्चे अपने धामी अंकल को अपनी बात बताते हैं। मुख्यमंत्री धामी का बच्चों से स्नेह केवल बातें करने तक ही नहीं है। मुख्यमंत्री का मानना है कि बच्चों से ही देश का भविष्य सुरक्षित है।  उनकी कोशिश रहती है कैसे बच्चों के लिए अधिक से अधिक काम किया जाए। वात्सल्य योजना, मुख्यमंत्री बालाश्रय योजना, छात्र छात्राओं को मोबाइल टैबलेट, खेल छात्रवृत्ति जैसी तमाम योजनाएं और निर्णय इसका उदाहरण हैं। 

Join-WhatsApp-Group
To Top