Uttarkashi News

धराली आपदा: भारतीय वायुसेना का ‘चिनूक हेलीकॉप्टर’ आसमान से उम्मीद बनकर उतरा

Ad

Uttarakhand: Rain: Uttarkashi: Dharali: Disaster:Chinook: Rescue operation: Indian Army: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में हाल ही में आई प्राकृतिक आपदा ने भारी तबाही मचाई। बादल फटने की घटना के बाद पहाड़ों का सीना भी दरक गया, जिससे इलाके में कई रास्ते पूरी तरह से बंद हो गए और अनेक जिंदगियां मलबे में फंस गईं। चारों ओर पानी, कीचड़ और तबाही का मंजर फैला हुआ है, जिससे गांव का बाकी दुनिया से संपर्क कट गया है। गंगोत्री नेशनल हाईवे अब एक टूटा हुआ सपना बन चुका है — जगह-जगह सड़कें लापता हैं, भूस्खलन और पानी के बहाव ने कहीं 100 तो कहीं 200 मीटर तक रास्ता टूट है। धराली गांव पूरी तरह से प्राकृतिक कहर के चपेट में आ चुका है, जहां न तो सड़कें बची हैं और न ही पहुंच आसान रही है।

लेकिन इस मुश्किल घड़ी में भारतीय वायुसेना का ‘चिनूक हेलीकॉप्टर’ आसमान से उम्मीद बनकर उतरा। दो रोटर वाला यह विशालकाय हेलीकॉप्टर, जो दिखने में जितना अद्भुत है, काम में उससे भी कहीं ज्यादा ताकतवर साबित हो रहा है। चिनूक (CH-47 Chinook) दुनिया के सबसे शक्तिशाली ट्रांसपोर्ट हेलिकॉप्टरों में से एक है और भारतीय वायुसेना के लिए एक बेहद अहम साधन है। धराली में फंसे लोगों की मदद के लिए चिनूक ने न सिर्फ राहत सामग्री पहुंचाई, बल्कि रेस्क्यू टीमों और इंजीनियरिंग उपकरणों को भी सुरक्षित और तेजी से आपदा स्थल तक पहुंचाया। चिनूक उन ऊंचाइयों तक भी पहुंच सका, जहां ज़मीन के रास्ते पूरी तरह खत्म हो चुके थे।

ITBP और अन्य राहत दल लगातार जान जोखिम में डालकर मलबे में फंसे लोगों को बचाने में जुटे हैं। लेकिन चिनूक ने इस चुनौतीपूर्ण काम को संभव बनाया, और यह साबित कर दिया कि जब इंसान की बनाई एक बेहतरीन मशीन, मानवता के लिए समर्पित हो, तो वह किसी देवदूत से कम नहीं होती। इस विनाश के बीच चिनूक न सिर्फ राहत का साधन बना, बल्कि लोगों के लिए एक उम्मीद की उड़ान भी।

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad
To Top