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वन्य जीव हमले में जनहानि पर अब मिलेगा 10 लाख रुपए की मदद, सीएम धामी ने किया ऐलान

CM Dhami
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देहरादून: वन्य जीवों के संरक्षण और सुरक्षा को लेकर चलाए जा रहे प्रयासों को मजबूती देने के लिए हर साल अक्टूबर के पहले सप्ताह को वन्य जीव सप्ताह के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष भी देहरादून जू में वन्य जीव प्राणी सप्ताह का भव्य आयोजन किया गया, जिसका शुभारंभ शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने वन्य जीवों के हमले में होने वाली जनहानि के लिए मिलने वाली सहायता राशि को 6 लाख रुपए से बढ़ाकर 10 लाख रुपए करने की घोषणा की। राज्य सरकार ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है….जिसे वन विभाग आगामी मंत्रिमंडल की बैठक में पेश कर लागू करेगा।

सीएम धामी ने वन्यजीवों को प्रदेश की आस्था संस्कृति और परंपरा का अभिन्न हिस्सा बताते हुए कहा कि देवी-देवताओं के वाहन भी वन्य जीव हैं जो सह-अस्तित्व का संदेश देते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में लगभग 14.77 प्रतिशत भूमि राष्ट्रीय उद्यान, वन्यजीव विहार और संरक्षण क्षेत्रों के रूप में संरक्षित है….जो पूरे देश के 5.27 प्रतिशत अनुपात से कहीं अधिक है।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार पर्यावरण की रक्षा के साथ-साथ इकोनॉमी, इकोलॉजी और टेक्नोलॉजी के बीच संतुलन बनाकर विकास कर रही है। प्रदेश के प्रत्येक जिले में कम से कम एक नया पर्यटन स्थल विकसित किया जाएगा, जो पर्यटकों के लिए सुलभ और प्राकृतिक स्वरूप में रहेगा।

सीएम ने यह भी कहा कि बाघ, गुलदार, हाथी और हिम तेंदुए जैसे दुर्लभ वन्य प्राणियों की संख्या में वृद्धि हुई है….लेकिन मानव-वन्यजीव संघर्ष भी बढ़ रहा है। इसे कम करने के लिए ड्रोन और जीपीएस जैसी तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। स्थानीय लोगों को वन संरक्षण में शामिल करने के लिए आजीविका के नए अवसर दिए जा रहे हैं।

राज्य सरकार की ‘सीएम यंग ईको-प्रेन्योर’ योजना के तहत नेचर गाइड, ड्रोन पायलट, वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर और इको टूरिज्म जैसे क्षेत्रों में युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। साथ ही इको क्लब के जरिए छात्रों के लिए वन्य जीवों से जुड़ी शैक्षिक यात्राओं का आयोजन किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “लाइफ स्टाइल फॉर एनवायरनमेंट” आह्वान को उद्धृत करते हुए मुख्यमंत्री ने पर्यटकों से अपील की कि वे जंगल सफारी और धार्मिक पर्यटन स्थलों में गंदगी न फैलाएं….ताकि प्रकृति की रक्षा हो सके।

वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि वन और वन्य जीवों की सुरक्षा हम सबकी जिम्मेदारी है और इकोनॉमी, इकोलॉजी व टेक्नोलॉजी के सामंजस्य से ही प्रदेश का समग्र विकास संभव है।

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