
CM Puskar Singh Dhami: Uttarakhand: IAS Deepak Rawat: हल्द्वानी में बुधवार को पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक बार फिर राज्य में फर्जी दस्तावेज़ तैयार कर सरकारी योजनाओं का अनुचित लाभ लेने वालों पर कड़ी नाराज़गी जताई। उन्होंने साफ कहा कि अवैध तरीके से निवास प्रमाण पत्र, राशन कार्ड और अन्य पहचान दस्तावेज बनवाने वाले न केवल कानून का उल्लंघन कर रहे हैं, बल्कि उत्तराखंड के निवासियों के अधिकारों पर भी चोट पहुंचा रहे हैं।
सीएम धामी ने अधिकारियों को जांच अभियान को और तेज करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना है, और इसमें किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह निर्देश ऐसे समय में आए हैं जब पिछले कुछ महीनों में विभिन्न जिलों में फर्जी दस्तावेज बनाने वाले रैकेट के खुलासे लगातार हो रहे हैं।
नवंबर में कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत द्वारा बनभूलपुरा स्थित एक CSC सेंटर में मारे गए छापे में बड़े पैमाने पर गलत तरीके से निवास प्रमाण पत्र जारी करने का मामला सामने आया था। इस कार्रवाई के बाद धामी सरकार ने सभी जिलों में व्यापक जांच का आदेश दिया। आगे की जांच में फैजान नामक व्यक्ति तथा यूपीसीएल के एक कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया, जिससे स्पष्ट हुआ कि इस नेटवर्क में सरकारी कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध हो सकती है।
हल्द्वानी दौरे के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने राशन कार्डों में हो रही अनियमितताओं का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि बाहरी राज्यों से आकर फर्जी दस्तावेज बनवाने वाले लोग राज्य की कल्याणकारी योजनाओं का गलत तरीके से लाभ ले रहे हैं। इसे उन्होंने “डेमोग्राफिक बदलाव” से जोड़ते हुए कहा कि इस तरह की गतिविधियाँ उत्तराखंड की सामाजिक संरचना और संसाधनों पर अनावश्यक बोझ डालती हैं।
राज्य सरकार के अनुसार, नवंबर से शुरू हुई विभागीय जांच में अब तक लाखों राशन कार्ड संदेह के घेरे में हैं। अधिकारियों का कहना है कि संदिग्ध कार्डों की जांच जारी है और यदि किसी पर अनियमितता साबित होती है, तो ऐसे कार्ड रद्द किए जाएंगे और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, कई गलत तरीके से बनाए गए निवास व जाति प्रमाण पत्र भी निरस्त किए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने जोर देकर कहा कि “जो गलत करेगा, वह जेल जाएगा।” उनकी सरकार का मानना है कि कठोर और पारदर्शी कार्रवाई से फर्जीवाड़ा रोकने में सफलता मिलेगी और राज्य की मूल जनसंख्या के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित होगी।






