Monkey Attacks Latest Update: उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र के निवासी तो बंदरों के आतंक से भली भाँती परिचित हैं ही लेकिन जो नहीं हैं वो भी जानें क्या है पूरा मामला। पहाड़ों में बाघ के साथ एक डर बंदरों का भी लगा रहता है। ये बन्दर अकसर फसलें बर्बाद करने एवं लोगों पर झपटने के लिए भी पहचाने जाते हैं। आए दिन कहीं ना कहीं से बन्दर द्वारा किसी को काटे जाने की खबर भी आती रहती है। ये ख़बरें रोमांच से ज़्यादा चिंता का विषय हैं क्योंकि बंदरों के काटने पर भी संक्रमण का खतरा बना रहता है। इसी पर उत्तराखंड की धामी सरकार ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए बंदर द्वारा काटे जाने पर 1 लाख रूपए तक का मुआवजा देने का फैसला किया है।
अभी तक बंदरों द्वारा किसी भी व्यक्ति को काटा जाना इतना गंभीर विषय नहीं था लेकिन अब ये मामले बढ़ रहे हैं। इन्हीं बढ़ते मामलों की वजह से अब बंदरों के काटने को वन्य जीव हमले में शामिल किया जा रहा है। धामी सरकार का यह निर्णय आश्चर्यजनक तो है ही साथ ही बंदरों के बढ़ते हमलों के बीच एक राहत भी है।
आपको बता दें कि बंदर के काटे जाने पर 15 हज़ार से 1 लाख तक का मुआवजा साथ ही अपंग होने की दशा में 3 लाख और मौत होने पर 6 लाख की राशि का मुआवजे के रूप में मिलना तय किया गया है। बदारों का यह रूप ज़्यादातर उन लोगों ने देखा होगा जो पर्वतीय एवं मैदानी क्षेत्रों के मंदिरों में दर्शन करने जाते हैं। भक्तों के पर्स, मोबाइल, चश्मे और फलों की थैली बंदरों का पहला निशाना होती है।
धामी सरकार द्वारा मुआवजे की घोषणा से कई पीड़ितों को आर्थिक सहायता मिलना तय है। माना यह भी जा रहा है कि अब बंदरों की इन हरकतों पर रोक लगाने के लिए धामी सरकार आगामी समय में कई नीति और योजना बना सकती है।