देहरादून: बचपन को कौन याद नहीं करता। इंसान जब बड़ा हो जाता है, तो बचपन में बिताए गए पल सुनहरी चादर ओढ़कर अक्सर याद आते रहते हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) भी बच्चों से मिले तो बच्चे बन गए। खेल महाकुंभ के एक कार्यक्रम में सीएम धामी ने बच्चों को अपने बचपन का किस्सा सुनाया। उन्होंने अपने फुटबॉल खेलने के दिनों को याद किया।
दरअसल युवा कल्याण विभाग की और से महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कालेज (Maharana Pratap Sports College) में राज्य स्तरीय खेल महाकुंभ का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्यमंत्री धामी को बतौर मुख्य अतिथि (Chief guest) बुलाया गया। यहां पर सीएम के साथ खेल मंत्री अरविंद पांडे (Sports minister Arvind Pandey) भी मौजूद रहे। जहां सीएम धामी ने ध्वजारोहण कर उद्घाटन किया। वहीं 13 जिलों की टीमों द्वारा मार्च पास्ट किया। मुख्यमंत्री और खेल मंत्री ने मार्च पास्ट की सलामी ली।
इस दौरान सीएम धामी ने बच्चों से बच्चा बनकर ही बातचीत की। उन्होंने बच्चों से स्लोगन बुलवाए। फिर यह भी पूछा कि उन्हें धूप तो नहीं लग रही है। इसी क्रम में सीएम धामी बच्चों को अपने बचपन में लेकर चले गए। उन्होंने किस्सा (incident) सुनाया कि “मैं बचपन में फुटबॉल (football) खेलता था। एक बार की बात है मैं कक्षा चार में पढ़ता था।”
“इस दौरान मैं एक मैच खेल रहा था। बतौर गोलकीपर एक बच्चे की तेज गेंद को मैंने हाथ लगाकर रोक दिया। गोल (goal) को रोक तो दिया लेकिन गेंद को उठा नहीं सका। क्योंकि मेरा हाथ टूट गया था। ऐसा एक बार पहले भी हुआ था।” सीएम धामी ने इस किस्से के सहारे बताया कि जीवन में हर काम को पूरी लगन के साथ करना चाहिए। हर परीस्थिति (situation) में अपना बेस्ट देना चाहिए। इस दौरान बच्चे भी बहुत खुश नजर आए।