
देहरादून: टिहरी स्थित श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय की एक छात्रा साक्षी द्वारा डिग्री न दिए जाने की शिकायत जब सीएम हेल्पलाइन 1905 के जरिए की गई और उसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई तो मामला शुक्रवार को सचिवालय में हुई हेल्पलाइन समीक्षा बैठक में सीधे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के संज्ञान में आया।
जैसे ही मुख्यमंत्री को इस प्रकरण की जानकारी दी गई उन्होंने इस पर कड़ी नाराजगी जताई और सचिव आईटी व सचिव उच्च शिक्षा को एक सप्ताह के भीतर जांच कर रिपोर्ट सौंपने तथा जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अभ्यर्थी को एक सप्ताह के अंदर डिग्री दी जानी चाहिए। किसी भी छात्र या छात्रा को इस तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े, इसके लिए सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में हेल्प डेस्क बनाई जाए। सिर्फ शिक्षा ही नहीं बिजली-पानी-सड़क की शिकायतों पर भी होगी सख्त नजर
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज बिजली पानी, सड़क और अन्य मूलभूत सुविधाओं से संबंधित शिकायतों का त्वरित निस्तारण किया जाए। उन्होंने आदेश दिया कि अधिकारियों को अपने दफ्तरों में नोटिस बोर्ड पर यह प्रदर्शित करना होगा कि वे किस दिन जनता की समस्याएं सुनने के लिए उपलब्ध रहेंगे।
मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों से कहा कि कोई भी समस्या का समाधान तब तक पूर्ण नहीं माना जाएगा जब तक शिकायतकर्ता स्वयं संतुष्ट न हो। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि हर विभाग हर महीने की 5 तारीख तक हेल्पलाइन 1905 पर प्राप्त शिकायतों की रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंपे।
बैठक में मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि 3 महीने से अधिक समय से लंबित मामलों का निस्तारण अभियान चलाकर किया जाए। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को हर सप्ताह सचिवों को महीने में दो बार, और मुख्य सचिव को हर महीने सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों का जिक्र करते हुए कहा कि वहां की सुरक्षा दीवारों, क्षतिग्रस्त बिजली लाइनों और अन्य ढांचागत समस्याओं को शीघ्रता और प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाए। साथ ही इस पर रिपोर्ट भी जल्द प्रस्तुत की जाए।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कुछ शिकायतकर्ताओं से स्वयं बातचीत की उनकी समस्याएं सुनीं और संबंधित अधिकारियों को तुरंत समाधान करने के निर्देश दिए। उन्होंने जनता मिलन कार्यक्रमों को नियमित रूप से आयोजित करने और समयसीमा में समाधान न करने वाले अधिकारियों की जवाबदेही तय करने की बात भी कही।






