पौड़ी: केवल 18 साल की उम्र में घर छोड़ने वाले अजय सिंह बिष्ट ने इतिहास रच दिया है। पौड़ी गढ़वाल के पंचूर गांव में जन्में अजय सिंह यानी महंत योगी आदित्यनाथ दूसरी बार उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री बने हैं। सीएम योगी का उत्तराखंड से खास नाता सिर्फ इसलिए नहीं है कि यहां पर उनका पैतृक गांव है। बल्कि इसलिए भी है क्योंकी सीएम योगी के परिवारजन अब भी उत्तराखंड के दूरस्थ गांवों में बसे हुए हैं। सीएम आदित्यनाथ की बहन शशि पयाल ने टाइम्स नाउ से बात करते हुए कई किस्से साझा किए हैं।
कुठाल गांव के समीप स्थित मां भुवनेश्वरी मंदिर के पास चाय की दुकान चलातीं सीएम योगी की बहन शशि पयाल और उनके जीजा पूरन सिंह पयाल बेहद खुश हैं। दोनों बताते हैं कि 10 मार्च को चुनावों के परिणाम आने के बाद से ही उनकी दुकान पर आने वाला हर व्यक्ति उन्हें बधाई देता है। जीजा पूरन सिंह बोले कि योगी जी से मुलाकात नहीं हो पाती लेकिन उनके बारे में कोई बात करता है तो दिल से खुशी होती है। इस दौरान सीएम योगी की बहन शशि ने अपनी शादी का एक गजब का किस्सा साझा किया।
दरअसल शशि पयाल यानी अपनी दीदी की शादी में उनकी डोली खुद योगी आदित्यनाथ उठाकर लाए थे। जी हां, उनकी बहन ने कहा कि 31 साल पहले पंचूर गांव से कुठाल गांव तक महाराज जी ही मेरी डोली लेकर आए थे। जब मेरी शादी हुई थी उस समय वो बीएससी कर रहे थे, उसके बाद ढाई साल तक हम लोगों के साथ रहे। लेकिन वो कहते थे कि जिन चक्करों में आप पड़े हैं, मैं नहीं पड़ूंगा। योगी बचपन से ही समाज के लिए कुछ करना चाहते थे। शशि ने बताया कि वो पहले लालटेन और लैंप में पढ़ाई करते थे, सब भाई बहन एक ही कमरे में पढ़ते थे।
बहन शशि ने टाइम्स नाउ को दिए इंटरव्यू में कहा कि जब योगी ने घर छोड़ा तो उन्होंने यह नहीं बताया था कि वह संन्यासी बनने जा रहे हैं। महाराज जी तो नौकरी की बात कहकर घर से गए थे, बाद में पता चला कि महाराज जी बन गए हैं, तो जो साधु संत आते थे उन्हें देखती थी कि इनमें हमारे भाई न हों। इस मौके पर शशि ने उत्तर प्रदेश की जनता को बेहद धन्यवाद दिया है, जिन्होंने उनको लगातार दूसरी बार प्रचंड बहुमत दिया। उनकी बहन शशि ने गढ़वाली भाषा में सीएम योगी से एक बार घर आकर मां, बहन और भाइयों से मिलने की अपील की।