हल्द्वानी: उत्तराखंड में विधानसभा चुनावों की तारीख का ऐलान हो गया है। भारत निर्वाचन आयोग ने प्रेस वर्ता कर इसका ऐलान किया। उत्तराखंड, मणिपुर, उत्तर प्रदेश ,गोवा और पंजाब में विधानसभा चुनाव होने हैं। कोरोना वायरस को ध्यान में रखते हुए भारत निर्वाचन आयोग ने व्यवस्था बनाई है। भारत निर्वाचन आयोग की कोशिश है कि चुनाव में ज्यादा से ज्यादा लोग वोट करें। नए साल के आगमन के बाद से ही आचार संहिता लगने की कयास लगाए जा रहे थे। उत्तराखंड में 14 फरवरी को मतदान होगा। बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 57 सीट दर्ज करके सरकार बनाई थी। उत्तराखंड में एक उम्मीदवार 40 लाख रुपए तक खर्च कर पाएंगे जो पहले 28 लाख रुपए था। उत्तराखंड में चुनाव एक ही फेस में होंगे।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने चुनाव को लेकर कई अहम जानकारी दी। उन्होंने कहा कि चुनाव वक्त में हो, ये हमारी प्राथमिकता रही है। आगामी पांच राज्यों में करीब 29 लाख से ज्यादा नए मतदाता होंगे। चुनाव आयुक्त ने साफ किया कि चुनाव तैयारियों की समीक्षा के बीच कई कंपनियों के साथ बैठक हुई है। उम्मीदवार के पास ऑनलाइन नामांकन करने का भी विकल्प होगा। सुविधा ऐप करेगी मदद। चुनाव में 8.55 करोड़ महिलाएं हिस्सा लेंगी। पेड न्यूज पर आयोग की नजर रहेगी। चुनाव में पैसों के दुरुप्रयोग को बिल्कुल भी बर्दास्त नहीं किया जाएगा। सभी दलों को अपने उम्मीदवार की अपराधिक इतिहास के बारे में बताना होगा।
इस बार 1250 मतदाताओं पर एक बूथ बनाया गया है। पिछले चुनाव की तुलना में 16 फीसदी बूथ बढ़ गए हैं। 1620 बूथ को महिला पोलिंगकर्मी मैनेज करेंगी। 900 आब्जर्बर चुनाव पर नजर रखेंगे। चुनाव आयोग ने सरकारी कर्मचारियों के अलावा 80 साल से ज्यादा उम्र के नागरिकों, दिव्यांगों और कोविड प्रभावित लोगों के लिए पोस्टल बैलेट की व्यवस्था की है।
प्रदेश में 70 सीटों पर मतदान होगा। पूरे प्रदेश में 81 लाख 43 हजार 922 मतदाता हैं, जिसमें 42 लाख 24 हजार 288 पुरुष, 39 लाख 19 हजार 334 महिला मतदाता है। पूरे प्रदेश में 93 हजार 964 सर्विस मतदाता हैं। इस बार 2 लाख 97 हजार 922 नए मतदाता बने हैं और इस बार के विधानसभा चुनाव में 18 से 19 साल के एक लाख 11 हजार 458 युवा मतदाता बने हैं। मतदान के लिए पूरे प्रदेश में 11 हजार 647 मतदाता स्थल बनाए गए हैं, जिनमें बार मतदाना के लिए 635 मतदेय स्थलों को बढ़ाया गया है।