Uttarakhand cold weather:- नए साल की जनवरी माह में उत्तराखंड राज्य ठंड की चपेट में नजर आ रहा है। ठंड के बढ़ते प्रभाव से हल्द्वानी और आसपास के क्षेत्र में ठिठुरन ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। बीते कुछ दिनों से शहर में सूर्य देव के दर्शन तक दुर्लभ हो गए है। ठंड के इस माह में शुक्रवार का दिन सबसे सर्द रहा, जिसमें अधिकतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया।
पारे में गिरावट के कारण क्षेत्र में सुबह और शाम के समय पाला बारिश की तरह गिरता प्रतीत हो रहा है। उत्तराखंड के तराई भाबर के क्षेत्र पूर्ण रूप से कोहरे की चपेट में नजर आ रहे हैं।
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार हल्द्वानी क्षेत्र में अधिकतम तापमान गुरुवार के मुकाबले 0.8 डिग्री सेल्सियस गिरकर 10.4 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। वहीं न्यूनतम तापमान भी 1.9 डिग्री सेल्सियस गिरकर 6.9 डिग्री पर आकर रुक गया है। मौसम विभाग की माने तो, आने वाले दिनों में भी ठंड से राहत मिलने की कोई संभावना नजर नहीं आती। इसे मद्देनजर रखते हुए मौसम विज्ञान केंद्र ने शनिवार को ठंड का ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया है। उनकी माने तो, क्षेत्र में कड़ाके की ठंड रहने की संभावनाएं हैं और साथ ही मैदान में कोहरा भी छाया रहेगा।
एक तरफ जहां ठंड ने लोगों की मुश्किलात बढ़ा दी है, वहीं बिजली कटौती से भी लोग काफी परेशान नजर आ रहे हैं।तराई भाबर क्षेत्र में भीषण शीत लहर के कारण यहां श्वांस और कोल्ड डायरिया के मरीज की संख्या में भी बढ़ोतरी नजर आने लगी है। स्थिति यह है कि मरीजों को अब भर्ती करने तक की नौबत आने लगी है। हल्द्वानी में एसटीएच और बेस अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार, जनवरी दूसरे सप्ताह तक ओपीडी में स्वास्थ्य के मरीजों की संख्या काफी कम थी, जबकि कोल्ड डायरिया से ग्रस्त केस एक या दो ही आ रहे थे। लेकिन बीते कुछ दिनों में ठंड में वृद्धि के कारण दोनों रोगों के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। दोनों अस्पतालों में रोजाना 60 से 70 मरीज श्वास और कोल्ड डायरिया के आ रहे हैं। इसमें से 10 से 15 लोगों को भर्ती करने की स्थिति बन रही है।
ऐसे में फिजिशियन डॉक्टर विनीता ने अति आवश्यक होने पर ही घर से बाहर निकलने वह बच्चों को ठंड से बचाने के लिए विशेष ध्यान रखने की सलाह दी है।