नई दिल्ली: कर्नाटक के विधानसभा चुनाव के अलावा राजस्थान में भी सभी की नजर है। कांग्रेस पार्टी के फैसले ने फिर ने अनबन की चर्चाओं को गर्मा दिया है। चुनाव से पहले ऊर्जावान नेताओं को प्रचारक की सूची में शामिल किया जाता है लेकिन कांग्रेस ने राजस्थान में युवाओं के स्टार सचिन पायलट को कर्नाटक चुनाव में स्टार प्रचारक नहीं बनाया है। एक तरफ कांग्रेस अपनी स्थिति को कर्नाटक में बेहतर देख रही है।
वहीं कर्नाटक में वरिष्ठ नेताओं को भार दिया गया है और अगर नतीजे पक्ष में रहे तो राजस्थान की हवा भी बदल सकती है यानी वरिष्ठ नेताओं की पूछ ज्यादा हो सकती है। कांग्रेस ने चुनाव प्रचार में जहां सचिन पायलट को स्टार प्रचारक नहीं बनाया तो एक धड़ा नाराज है।
सचिन पायलट ने राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। सचिन पायलट ने हाल ही में 11 अप्रैल को गहलोत सरकार पर भ्रष्टाचार में कार्रवाई नहीं करने के खिलाफ एक दिन का धरना प्रदर्शन किया। इससे कांग्रेस आलाकमान खाफी खफा हो गया। दरअसल, सचिन पायलट पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा पर भ्रष्टाचार के आरोप में कार्रवाई करने की मांग उठाई थी।
माना जा रहा है कि उनके अनशन करने को अनुशासनहिंता के दायरे में रखा गया गया और उसकी सजा उन्हें दी गई है। कांग्रेस की ओर से पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, राजस्थान सीएम अशोक गहलोत समेत कई दिग्गज कमान संभालेंगे।