नई दिल्ली: जो चीज किसी व्यक्ति को नाम और सम्मान दे वो उसके लिए मंदिर जैसी होती है। क्रिकेट में भी कुछ ऐसा ही है तभी तो महान खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर भी बोलते है ‘मेरे लिए क्रिकेट के मैदान पर उतरना मंदिर जाने जैसा था”। सचिन के कर्म ने मैदान पर वैसा ही किया जो लोग मंदिर पर करते हैं।
साउथ अफ्रीका के केपटाउन में हुए बॉल टेंपरिंग घटना ने क्रिकेट को शर्मसार किया है। हैरानी भरी बात ये क्रिकेट की दुनिया आरोपी को नए जमाने का डॉन ब्रैडमेन कहती है।
ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीव स्मिथ ने जो किया वो वाकई शर्मसार करने वाला था। अपनी बुद्धि को उन्होंने यंग ओपनर कैमरन बैनक्राफ्ट के कर्म में तब्दील कर दिया। अब ये वहीं कप्तान, बल्लेबाज और देश के क्रिकेट का चेहरा जिसकी तुलना डॉन ब्रैडमेन से की जाती है।
लेकिन इसके कर्म इसे बिल्कुल भी क्रिकेट खेलना की इज्जत नहीं देते हैं। आप कोई भी क्यों ना हो देश और गेम से बड़े कभी नहीं हो सकते लेकिन जीत की लालच में स्मिथ अपने आप को खेल से बड़ा बनाने की कोशिश कर रहे थे। अगर वो गेम की इज्जत करते होते तो खेल भावना का परिचय देते लेकिन इन्होंने तो ऑस्ट्रेलिया की ओर खेलते हुए पूरे क्रिकेट जगत को शर्मसार किया। उन लोगों के मुंह पर तमाचा मारा जो उन्हें ब्रैडमेन कहते हैं।
ऑस्ट्रेलिया ने धमाकेदार खिलाड़ी पैदा किए है लेकिन खेल भावना शायद इनमें थी ही नहीं। अब स्मिथ की बात कर ही रहे है तो पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग की भी कर लेते है। साल 2007-2008 का भारत दौरा, धोनी नए-नए कप्तान बनें थे। एक सीरीज ऑस्ट्रेलिया से खेल चुके थे। वहीं पोंटिंग दो विश्वकप जीतने वाले कप्तान, टेस्ट में नंबर वन टीम और बल्लेबाज के तौर पर 26 हजार से ज्यादा वनडे और टेस्ट रन।
सिडनी मंकी गेट विवाद और टेस्ट सीरीज हारने के बाद जब भारतीय टीम ट्राई सीरीज की तैयारी कर रही थी तभी एक सर्वे निकला जिसमें खुद ऑस्ट्रेलिया के लोग धोनी को पोंटिंग से बड़ा खिलाड़ी मान रहे थे। धोनी के पास उस वक्त किया था। वनडे में 4 हजार के करीब रन और एक टी-20 ट्रॉफी लेकिन उन्होंने उस कप्तान को क्रिकेट के फिल्ड पर मात दी जो विश्वकप जीतने और विरोधियों को धूल चटाने के लिए माहिर था।
जीत के लिए गेम से अपने आप को बड़ा समझना ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की आदत रही है तभी तो कामयाबी के बाद भी वो किसी के आदर्श बनने के लायक ही नहीं हैं। खुद ऑस्ट्रेलिया देश भी जानता है कि आक्रमकता और स्लेजिंग की आड़ में उनके खिलाड़ी गेम की बदनामी करते है तभी तो आज पूरा देश स्मिथ को क्रिकेट से बाहर करने पर जोर दे रहा है।
बॉल टेंपरिंग विवाद के बाद स्टिव स्मिथ लंबे नपने वाले है। क्रिकेट जगत तो उन्हें बाहर करने की बात कर रहा है लेकिन वो तो भविष्य ही बताएगा क्योंकि पाकिस्तान के मोहम्मद आमिर जैसे को मैच फिक्सिंग करने के बाद खेलने की इज्जात दी जा सकती है तो स्मिथ भी बच सकते हैं, लेकिन ऐसी सजा जरूर मिलनी चाहिए जो पूरे ऑस्ट्रेलिया समेत क्रिकेट जगत के खिलाड़ियों को संदेश दे कि आप अपनी औकात में रहें और खेल के बाप बनने की कोशिश ना करें।
आईसीसी का एक्शन
केपटाउन टेस्ट में ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ और ओपनर कैमरन बैनक्राफ्ट ने इस शर्मनाक घटना को अंजाम दिया। इस मामले में इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल ने (आईसीसी) ने दोनों को दोषी पाया है।कप्तान स्मिथ पर एक टेस्ट मैच का बैन और 100% मैच फीस का जुर्माना लगाया है। वहीं, ओपनर कैमरन बैनक्रॉफ्ट पर मैच फीस का 75% का जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही बैनक्रॉफ्ट को 3 डिमेरिट अंक भी दिए गए। बॉल टैंपरिंग के बाद क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने स्टीव स्मिथ को कप्तान के पद से हटा दिया। क्रिकेट के मैदान पर बॉल टेंपरिंग के मामले सामने आते रहते है लेकिन ये पहला मौका जब एक प्लान के तहत गेंद के साथ सामूहिक छेड़छाड़ की हो।