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टीम इंडिया को पर्थ टेस्ट टीम को मिली हार, मोहम्मद शमी ने मानी टीम मैनेजमेंट की ये बड़ी भूल


नई दिल्ली:ऑस्ट्रेलिया में चल रही टेस्ट सीरीज़ का दूसरा मुकाबला मेजबान टीम के नाम रहा। ऑस्ट्रेलियाई टीम ने पर्थ टेस्ट में भारतीय टीम को 146 रनों से करारी शिकस्त दी। टीम इंडिया दूसरी पारी में मात्र 140 रनों पर ढेर हो गई। ऑस्ट्रेलिया की ओर गेंदबाजी में नॉथन लायन ने पूरे मैच में 8 विकेट अपने नाम किए।( पहली पारी में 5 और दूसरी में 3) नॉथन लायन ने विराट कोहली के टीम में एक भी स्पिनर ना साबित करने के फैसले पर गलत ठहराया और मैन ऑफ द मैच बने।

पांचवे दिन टीम इंडिया को जीत के लिए 175 रन चाहिए थे।फैंस को उम्मीद थी कि ऋषभ पंत और हनुमा विहारी ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों का मुकाबला करेंगे लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। टीम इंडिया पांचवे दिन केवल 29 रन ही जोड़ पाई। दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया की ओर से मिचेल स्टार्क ने 3, जोस हेजलवुड 2 और पेन कमेंस को 2 विकेट मिले। भारत की ओर से दूसरी पारी में सबसे ज्यादा  रहाणे और पंत ने 30 रन बनाए। वहीं विहारी ने 28 रनों का योगदान दिया। ऑस्ट्रेलिया ने पर्थ टेस्ट जीत 4 मैचों की सीरीज को 1-1 पर ला दिया है।

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भारत की ओर से गेंदबाजी में मोहम्मद शमी ने दूसरी पारी में 6 विकेट लेकर लोगों को प्रभावित किया। इस मुकाबले में टीम को एक स्पिन गेंदबाज की कमी जरूर खली। खुद शमी ने भी माना की मैनेजमेट का स्पिनर को टीम में जगह ना देना का फैसला गलत साबित हुआ है। स्पिन गेंदबाज के होने से तेज गेंदबाजों को सपोर्ट मिलता। लंबे वक्त बाद देखा गया कि टीम इंडिया ने प्लेइंग-11 में 4 तेज गेंदबाजों को जगह दी थी।

शमी ने पत्रकारों को बताया कि ऑस्ट्रेलिया को नॉथन लायन के होने से काफी मदद मिली है।  बता दें कि की पर्थ टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया था। पहली पारी में मेजबान टीम ने 326 रन बनाए। जवाब में भारतीय टीम 283 रन ही बना सकी। दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया को 43 रनों की बढ़त ऑस्ट्रेलिया के मनोबल को बढ़ाने के लिए काफी थी। दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया ने 243 रन बनाए और भारत को 286 रन का लक्ष्य दिया। दूसरी पारी में भारतीय टीम को 4 बल्लेबाज शून्य पर आउट हुए। 

कोहली ने हार के बाद पत्रकारों से कही ये बात

विराट कोहली ने दूसरे टेस्ट में हार के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘हम पहली पारी में विशेष तौर पर उस तरह का नियंत्रण नहीं बना पाए जैसा बनाना चाहते थे। लेकिन दूसरी पारी में निश्चित तौर पर हमने ऐसा किया, विशेषकर कल (चौथे दिन) पहले सत्र में, हमने सिर्फ 56 के आसपास रन दिए लेकिन विकेट नहीं मिला।’ कोहली ने स्वीकार किया कि चार तेज गेंदबाजों को खिलाने से निचला क्रम कमजोर हो गया और पहली पारी में वे ऑस्ट्रेलिया की रन बनाने की गति पर जरूरी नियंत्रण नहीं रख पाए। लेकिन इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लंबे निचले क्रम के बावजूद उन्होंने स्पिनर को चुनने के बारे में नहीं सोचा।

‘बल्लेबाजों को जिम्मेदारी लेनी होगी’ 

भारतीय कप्तान ने कहा, ‘बेशक आप दो स्थिति के बारे में सोच सकते हो। हम सभी को पता है कि आर अश्विन या रवींद्र जडेजा बेहतर बल्लेबाजी कर सकते हैं। यह काफी चुनौती भरा फैसला था। आप किस तरह के गेंदबाजी विकल्प के साथ उतरना चाहते हो या आप सोचते हो कि वह खिलाड़ी बल्ले से भी योगदान दे सकता है।’ उन्होंने कहा, ‘अंतत: आप एक फैसले पर पहुंचते हो। हमने इस फैसले का समर्थन किया और आगे बढ़े। इसने काम किया या नहीं, यह अलग चीज है लेकिन टीम में हम पूरी तरह से समझ रहे थे कि यह हमारा सर्वश्रेष्ठ संयोजन है और बल्लेबाजों को जिम्मेदारी लेनी होगी।’

भुवी पर उमेश को इसलिए तरजीह मिली 

यह पूछने पर कि पिच पर काफी घास होने के बावजूद भुवनेश्वर कुमार की जगह उमेश यादव को क्यों चुना गया, कोहली ने कहा, ‘भुवी ने हाल में काफी चार दिवसीय क्रिकेट नहीं खेला है और उमेश ने पिछले टेस्ट (वेस्टइंडीज के खिलाफ) में 10 विकेट चटकाए और वह अच्छी गेंदबाजी लय में था। यही कारण है कि हमने भुवी पर उमेश को तरजीह दी।’

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