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जोशीमठ में भूधंसाव… ध्वस्त किए जाएंगे प्रतिबंधित होटल


देहरादून: इन दिनों जोशीमठ की चर्चा देश दुनिया के हर एक कोने में हो रही है। जोशीमठ में भूधंसाव के मामलों ने भी चिंता बढ़ा दी है। ऐसे में प्रशासन ने दो प्रतिबंधित होटल मलारी इन और माउंट व्यू को सुरक्षित तरीके से ध्वस्त करने की तैयारी शुरू कर दी है और साथ ही आसपास के लोगों को भवन से दूर रहने के आदेश दिए गए हैं। इस मामले में स्थानीय लोगों का कहना है कि ध्वस्त करने से पूर्व दोनों भवनों का मूल्यांकन होना चाहिए।

प्रशासन ने जोशीमठ को दो जोन यानि कोर जोन और बफर जोन में बांट दिया है ताकि जोन के हिसाब से ही ध्वस्तीकरण के कार्य किए जा सके। कोर जोन में मुख्यत: डेंजर जोन वाले क्षेत्रों को रखा गया है, जिन्हें पहले धवस्त किया जाना है। वहीं बफर जोन में जोशीमठ के अन्य प्रभावित क्षेत्रों को रखा गया है। ध्वस्तीकरण के कार्यों को लेकर स्थानीय लोगों में भी रोष देखा जा रहा है।

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बता दें कि जोशीमठ में भूधंसाव का सिलसिला दिसंबर 2022 से ही शुरू हो गया था, लेकिन 2 जनवरी को मारवाड़ी क्षेत्र में अचानक जलधारा फूटने से जगह जगह दरारें पड़ने लगी। तकनीकी रूप से ध्वस्तीकरण की जिम्मेदारी केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई), नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरआफ) और लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) की टीमों को दी गई है। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने जोशीमठ भूधंसाव मामले को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की याचिका पर तत्काल सुनवाई को स्थगित कर दिया है।

जानकारी के अनुसार जलशक्ति मंत्रालय की छह सदस्यीय समिती जोशीमठ के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेगी। समिति को दौरे की रिपोर्ट 3 दिन के भीतर नेश्नल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) को सौंपेगी। आपदा प्रभावितों के लिए स्वास्थ्य विभाग ने 26 चिकित्सकों की टीम जोशीमठ में तैनात कर दी है। इसी के साथ पीड़ितों के लिए अब पतंजलि योगपीठ ने भी मदद का हाथ आगे बढ़ाया है। वहीं सरकार ने लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने को सबसे जरूर बताया है। फिलहाल. जोशीमठ में दरारे क्यों पड़ रही है इसको जानने के लिए वैज्ञानिकों की0 टीम हर संभव प्रयास कर रही है। बता दें कि शीमठ शहर में असुरक्षित भवनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अब तक कुल 678 भवन चिह्नित किए जा चुके हैं। 

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