नैनीताल: इस वक्त की सबसे बड़ी खबर सामने आ रही है। पूर्व में नैनीताल के जिलाधिकारी रहे आईएएस दीपक रावत को कुमाऊं कमिश्नर की जिम्मेदारी दे दी गई है। माना जा रहा है कि वह गुरुवार तक पदभार ग्रहण कर लेंगे। दीपक रावत की कार्यशैली किसी से छिपी नहीं है। उन्हें जनता भी खासा पसंद करती है। वह फेसबुक पर काफी चर्चित रहते हैं।
बता दें कि उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) और पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड (पिटकुल) के एमडी दीपक रावत को कुमाऊं का नया कमिश्नर बनाया गया है। इससे पहले भी दीपक रावत कुमाऊं कमिश्नर पद को कार्यवाहक तौर पर संभाल चुके हैं। ये तब हुआ था जब वह नैनीताल के जिलाधिकारी थे। गौरतलब है कि यूट्यूब पर भी उनकी अच्छी-खासी फॉलोइंग है।
वह लगातार लोगों के बीच में सक्रिय रहते हैं। आईएएस दीपक रावत के व्यवहार को भी हर कोई पसंद करता है। बता दें कि पहले से ही ये माना जा रहा था कि उन्हें वर्तमान के पदों से मुक्त कर दिया जाएगा। मीडियो रिपोर्ट्स के अनुसार खबरें ये भी आई थी कि शायद दीपक रावत को किसी बड़े जिले में जिम्मेदारी दी जा सकती है। मगर अब उन्हें कुमाऊं कमिश्नर बना दिया गया है। जिसका आदेश भी जारी हो गया है।
मसूरी में जन्में आईएएस दीपक रावत की शुरुआती पढ़ाई भी यहीं पर पूरी हुई है। हालांकि इसके बाद उन्होंने दिल्ली के हंसराज कॉलेज से इतिहास में स्नातक की डिग्री हासिल की। इसके अलावा जेएनयू से एमफिल किया। बताया जाता है कि दीपक रावत अपनी उच्च शिक्षा के दिनों में बिहार के यूपीएससी के छात्रों से मिलकर सिविल सर्विस की तरफ आकर्षित हुए थे।
फिर क्या था उन्होंने समाज सेवा का मन बनाकर अपनी तैयारी शुरू कर दी। 2007 में दीपक रावत ने सिविल सेवा परीक्षा पास की और वह उत्तराखंड कैडर के अफसर बन गए। मुख्य तौर पर नैनीताल के लोग उन्हें अपने डीएम के रूप में याद करते हैं। हाल ही में दीपक रावत महाकुंभ के दौरान मेलाधिकारी भी रहे थे।