
Uttarakhand: Dehradun: महिला सुरक्षा को लेकर एक निजी सर्वे कंपनी पी वैल्यू एनालिटिक्स की रिपोर्ट पर विवाद गहराने लगा है। कंपनी ने हाल ही में जारी अपनी स्टडी “नारी-2025” में देहरादून को देश के 10 सबसे असुरक्षित शहरों में गिना। इस पर पुलिस ने कंपनी को नोटिस भेजकर तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण देने और सभी तथ्यात्मक आंकड़े पेश करने के लिए कहा है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह सर्वे न तो राष्ट्रीय महिला आयोग और न ही राज्य महिला आयोग की ओर से कराया गया है। कंपनी ने कंप्यूटर असिस्टेड टेलीफोनिक इंटरव्यू और कंप्यूटर असिस्टेड पर्सनल इंटरव्यू के आधार पर आंकड़े जुटाए, लेकिन केवल 12,770 महिलाओं की राय पर रिपोर्ट तैयार की। जबकि देहरादून में महिलाओं की आबादी करीब नौ लाख है। इस आधार पर रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं।
एसएसपी अजय सिंह ने मामले की जांच ऋषिकेश एसपी जया बलोनी को सौंपी है। अधिकारियों का कहना है कि अगर रिपोर्ट भ्रामक पाई गई तो कंपनी के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हो सकता है। पुलिस ने यह भी जानकारी दी कि केवल देहरादून में ही गौरा शक्ति ऐप पर 16,000 से अधिक महिलाएं पंजीकृत हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि सरकार महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर प्रयास कर रही है।
महिला आयोग भी सक्रिय
उत्तराखंड राज्य महिला आयोग ने भी रिपोर्ट को भ्रामक बताते हुए कंपनी को नोटिस जारी किया है। आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने कहा कि यह सर्वे पूरी तरह निजी है और इसका केंद्र सरकार या किसी आधिकारिक एजेंसी से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने राष्ट्रीय महिला आयोग को भी पत्र लिखकर कार्रवाई की सिफारिश की है।
कंडवाल ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर रिपोर्ट जारी करने के कार्यक्रम में मौजूद थीं, लेकिन सर्वे न तो आयोग द्वारा किया गया और न ही इसकी प्रमाणिकता आयोग से जुड़ी है। आयोग का मानना है कि बिना अधिकृत आंकड़ों और बेहद सीमित सैंपल साइज के आधार पर रिपोर्ट जारी करना, शहर की छवि को नुकसान पहुंचाने जैसा है।






