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पहाड़ के रमेश बडोनी को इंटरनेशनल शिक्षक सम्मान,इससे पहले जीता था ग्लोबल अवॉर्ड


देहरादून: उत्तराखंड के बच्चे हर क्षेत्र में अच्छा कर रहे हैं और उसके पीछे का कारण है, उन्हें सही मार्ग दर्शन मिलना। सही मार्ग दिखाने वाले गुरूजन भी अपने सोच से बदलाव लाने का प्रयास कर रहे हैं और शायद इसलिए वह भी सुर्खियों में रहते हैं। पिछले कुछ वक्त से उत्तराखंड के कई शिक्षकों को अपनी कार्यशैली के चलते तमाम सम्मान मिले हैं।

जीआईसी मिसरासपट्टी के फिजिक्स के प्रवक्ता रमेश बडोनी ( Ramesh Badoni) को 2020-21 के लिए फुलब्राइट विशिष्ट अंतरराष्ट्रीय शिक्षक सम्मान से नवाजा गया है। शिक्षक बडोनी सिद्धपीठ चन्द्रवदनी के पुजार गांव के रहने वाले हैं। उन्हें यह सम्मान इंटरनेशनल रिसर्च एंड एक्सचेंज बोर्ड और ब्यूरो ऑफ कल्चर अफेर्स (ईसीए) संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा दिया गया है। सम्मान मिलने के बाद शिक्षक बडोनी देहरादून लौटे।

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उन्होंने कहा कि पहाड़ के बच्चों को तकनीकी और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी सुविधाएं मिल जाएं तो वह दुनिया में सबसे आगे निकलने का माद्दा रखते हैं। इससे पहले शिक्षक बडोनी को गूगल सर्टिफाइड टीचर बडोनी इससे पहले राष्ट्रीय आईसीटी पुरस्कार, नेशनल इनोवेटिव, ग्लोबल इनोवेटिव पुरस्कार मिल चुका है। उन्होंने कहा कि यदि हमारी शिक्षा नियोजन नीति को उपयोगी बनानी होगी जो परिश्रम को नतीजे में बदले और इसके लिए अभी से रणनीति बनानी होगी।

रमेश बडोनी यह सम्मान स्कॉलरशिप उच्च शिक्षा के साथ तकनीकी शिक्षा में योगदान और भारत के सुदूर स्थित उत्तराखंड के विद्यालयों में तकनीकी आधारित शिक्षण को सुगमता से कक्षा-कक्ष प्रबंधन और संप्रेषण विकास के लिए, दुनिया के नवाचार में शीर्षतम स्थान प्राप्त एरीजोना स्टेट यूनिवर्सिटी द्वारा उच्च शिक्षण में इंक्वायरी प्रोजेक्ट में सफलता के लिए दिया गया। इसके अलावा उन्हें फुलब्राइट शिक्षक 2021 के रूप में प्रतिष्ठित फेलोशिप भी प्राप्त हुई है जो विश्वभर के केवल 18 शिक्षकों को मिली है। देशभर से केवल दो शिक्षकों का चयन इस प्रतियोगिता के लिए हुआ है।

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