देहरादून: देवस्थानम बोर्ड को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बोर्ड को भंग कर दिया है। सरकार को लगातार पुरोहितों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत देवस्थानम बोर्ड को लेकर आए थे और बोर्ड द्वारा चारधाम यात्रा का संचालन किया जा रहा है। देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग लगातार बढ़ रही थी। भाजपा के कई नेताओं को चारधाम यात्रा के दौरान विरोध का सामना करना पड़ा था। वहीं चुनाव भी नजदीक है और ऐसे में सरकार पुरोहितो को नाराज नहीं रखना चाहती थी, इस लिए बोर्ड को भंग कर दिया गया है।
Our government has taken a decision to take back the Char Dham Devasthanam Management Board Bill: Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami pic.twitter.com/Xe0TgEz0iL
— ANI (@ANI) November 30, 2021
इससे पहले श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने कहा था कि कि सरकार के कई विधायक भी बोर्ड बनने के खिलाफ हैं। विधानसभा अध्यक्ष को भी एक ज्ञापन सौंपा जाएगा। उन्होंने कहा कि देवस्थानम बोर्ड भंग करने को लेकर सरकार को 30 नवंबर तक का समय दिया जा रहा है। इस अवधि में सरकार अगर उनकी मांग पर सकारात्मक पहल नहीं करती है तो संतों को आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा। श्रीमंहत रविंद्र पुरी ने कहा कि साधु समाज ने कुंभ के दौरान तत्कालीन भाजपा के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को देवस्थानम बोर्ड को भंग कर हक-हुकूक धारियों एवं ब्राह्मणों को उनका देने की बात कही थी। लेकिन भाजपा सरकार ने इस मांग पर कोई विचार नहीं किया गया। चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर तीर्थ पुरोहितों ने कैबिनेट मंत्रियों के यमुना कालोनी स्थित आवास का घेराव किया था।