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देवस्थानम बोर्ड पर सरकार लेगी फैसला, हाईपावर कमेटी ने सौंप दी है रिपोर्ट


देहरादून: देवस्थानम बोर्ड को लेकर उत्तराखंड सरकार विरोध का सामना कर रही है। बोर्ड का गठन पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में हुआ था। इसके बाद ही तीर्थ पुरोहित सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं और बोर्ड को भंग करने की मांग की गई है। उन्होंने कहा है कि सरकार अगर इस पर फैसला नहीं करेगी तो उसे साल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में अंजाम भुगतना होगा।

सीएम पुष्कर धामी ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड को लेकर गठित कमेटी की रिपोर्ट के अध्ययन के बाद सरकार फैसला लेगी। वरिष्ठ भाजपा नेता मनोहर कांत ध्यानी की अध्यक्षता में गठित हाईपावर कमेटी एक दिन पहले सरकार को विस्तृत रिपोर्ट सौंप चुकी है। सरकार तीर्थ-पुरोहितों के हितों को लेकर गंभीर है। अटकले लगाई जा रही है कि बोर्ड को सरकार भंग कर सकती है।

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चुनाव से पहले विरोध भाजपा को नुकसान पहुंचा सकता है और सरकार ने 60 के पार का नारा दिया है उसे सफल करना है तो विरोध की हवा को कम करना होगा।  सरकार ने देवस्थानम बोर्ड को लेकर हाई पावर कमेटी का गठन किया था और कमेटी की जिम्मेदारी सभी पक्षों को सुननी थी। अब कमेटी ने अंतिम रिपोर्ट सौंप दी है और सरकार सरकार सभी पक्षों को ध्यान में रखकर इस मामले में फैसला लेगी।

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