धारचूला: बारिश ने एक बार फिर देवभूमि में अपना रौद्र रूप दिखाया है। तहसील धारचूला के अंतर्गत स्थित जुम्मा गांव में बादल फटने से भारी तबाही मच गई है। इसमें 2 लोगों की मौत हो गई है। वहीं 7 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं। बादल फटने के बाद 7 घर टूट गए हैं। सीएम धामी ने डीएम से बात कर जानकारी ली है।
गौरतलब है कि उत्तराखंड में बारिश हर साल नुकसान के पल भी लेकर आती है। इस बार भी बारिश की ही देन है कि कई जगह भूस्खलन हो रहे हैं। मार्ग बाधित हो रहे हैं। आवाजाही में कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। पिथौरागढ़ में भी बीते चार दिनों से बारिश जारी है।
रविवार दिन में मौसम साफ रहा मगर मौसम ने रात में फिर से करवट ले ली। तहसील धारचूला से 12 किमी दूर कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग से लगे जुम्मा गाव में बादल फटा है। धारचूला के एनएचपीसी कॉलोनी, तपोवन में जल भराव भी हो गया है। कई आवासीय परिसर खतरे की जद में आ गए हैं।
तपोवन में झील बनने से धारचूला को और खतरा हो गया है। घटना को लेकर सीएम धामी ने पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान से फोन पर बात धारचूला के जुम्मा गांव में हुए नुकसान की जानकारी ली। प्रभावितों को उपचार व फौरन मदद के निर्देश दिए।
पिथौरागढ़ जनपद के जुम्मा गांव के पास भूस्खलन की वजह से 2 लोगों की दुखद मौत एवं 5 अन्य की मलबे में दबे होने की खबर है।
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) August 30, 2021
इस विषय में जिलाधिकारी से बात कर रेस्क्यू मिशन तेज करने का निर्देश दिया है। मैं वहां फंसे लोगों की सलामती के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ।
इस दौरान जिलाधिकारी ने अवगत कराया कि क्षेत्र में सड़क मार्ग अवरुद्ध होने के कारण रेस्क्यू कार्य हेलीकॉप्टर से कराए जाने के लिए क्षेत्र में हैलीपैड तैयार किया जा रहा है।
बता दें कि पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ केटीम राहत बचाव में जुटी हुई है तो वही बादल फटने से कई मकान मलबे में दब गए हैं।बादल फटने से 280 मेगावाट की धौलीगंगा जल विद्युत परियोजना के तपोवन स्थित प्रशासनिक भवन के पास काली नदी का पानी आ गया है।