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बड़े मैच का बड़ा खिलाड़ी, दिल्ली के खिलाफ धोनी ने कितनी आसानी से अपनी गलती को सुधारा


हल्द्वानी: पिछले साल आईपीएल में सबसे पहले बाहर होने वाली चेन्नई सुपरकिंग्स 2021 में सबसे पहले फाइनल में पहुंची है। धोनी की ये टीम साल 2008 से ही अलग रही है। इसकी पहचान एक चैंपियन टीम के रूप में बनी है। भले ही टीम ने तीन बार खिताब पर कब्जा जमाया हो लेकिन अपने प्रदर्शन से ये टीम हर बार एक चैंपियन के रूप में भी टूर्नामेंट खेलती है। हां साल 2008 में सीएसके को जब पीली जर्सी में फैंस ने देखा तो ऑस्ट्रेलिया की याद आई। उस दौर में ऑस्ट्रेलिया की इंटरनेशनल क्रिकेट में तूती बोलती थी और ऐसा ही कुछ सीएसके के साथ हुआ है।

धोनी की टीम ने पहले क्वालीफायर में दिल्ली को 4 विकेट से हराया। इस मुकाबले में धोनी पुराने अंदाज में नजर आए। अगर आपकों 2010 आईपीएल का पंजाब और चेन्नई मुकाबला याद हो तो वहां भी धोनी ने कुछ ऐसा ही किया था। नॉकआउट मुकाबले में धोनी के सामने इरफान पठान गेंदबाजी कर रहे थे। आखिरी ओवर में 16 रनों की दरकार थी और धोनी ने दो गेंद रहते मुकाबला जीता दिया। आखिरी शॉर्ट के बाद धोनी आक्रमक अंदाज में नजर आए थे जो काऱफी कम देखने को मिलता है।

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साल 2010 की बात इसलिए हमने कि क्योंकि दिल्ली के खिलाफ पहले क्वालीफायर में धोनी ने पहले गलती की और अपने बल्ले से उस गलती को सुधार दिया। धोनी ने एक बार फिर बताया कि वह दुनिया के सबसे चतुर क्रिकेटर हैं। जब धोनी मैदान पर उतरे थे तो दिल्ली के फैंस को राहत मिली होगी क्योकि वह अच्छे फॉर्म में नहीं है लेकिन उन्होंने 6 गेंदों में नाबाद 18 रन बनाकर फाइनल से पहले विपक्षी टीम को चेतावनी दे दी। चेेन्नई ने नवीं बार फाइनल में जगह बनाई है। धोनी से इस मुकाबले में एक जगह गलती हुई। उन्होंने चौथे नंबर पर शार्दुल ठाकुर को बल्लेबाजी करने भेज दिया। वह पहली गेंद पर आउट हो गए और टीम दवाब में आ गई। सीएसके 173 रनों का लक्ष्य चेज कर रही थी।

इसके बाद सीएसके ने मोइन अली और अंबाती राएडू, ऋतुराज का विकेट खोया तो लगा कि धोनी से पहले जडेजा बल्लेबाजी करने आएंगे लेकिन धोनी खुद मैदान पर उतर गए। ऐसा लग रहा था मानों वह ठाकुर को जल्दी भेजने की गलती की भरपाई करना चाहते हैं। पहली गेंद मिस हुई लेकिन दूसरे गेंद पर उन्होंने छक्का जमा दिया और उसके बाद जो हुआ वह सीएसके फैंस की आंखों ने बयां कर दिया था। धोनी ने दो गेंद रहते मुकाबले को खत्म कर दिया।

महेंद्र सिंह धोनी क्रिकेट खेलें या नहीं लेकिन ये खिलाड़ी फॉर्म से ज्यादा खुद पर भरोसा करता है। दिल्ली के खिलाफ मुकाबले ने पुराने धोनी की याद दिला दी जो आखिरी ओवर तक मैच ले जाते थे और वहां उसे भारत के पक्ष में करने का माद्दा रखते थे। धोनी ने युवा खिलाड़ियों को भी सीख दी कि मैदान पर अगर गलती होती है तो उसे वही पर सुधारना होगा, अन्यथा नतीजे आपके पक्ष में नहीं रहेंगे।

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