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उत्तराखंड में स्कूल तो खुल रहे हैं लेकिन कैसे होगी सोशल डिस्टेंसिंग,सिर दर्द बना नियम


देहरादून: उत्तराखंड में 8 फरवरी से सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के खुलने के आदेश जारी हो चुके हैं। ऐसे में स्कूलों का शारीरिक दूरी का पालन कराना काफी चुनौती भरा होगा। एक क्लास में 45 से 50 बच्चों को बैठाया जाता है, दूसरी ओर सरकारी स्कूलों का यह हाल है कि कुछ जूनियर स्कूलों में एक ही कक्ष में दो या इससे अधिक कक्षाएं चलती हैं। ऐसे में छह फीट की दूरी पर बच्चों को बैठाना आसान नहीं होगा।

प्रदेश में छह से 12वीं तक सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में 11 लाख से अधिक छात्र-छात्राएं बढ़ते हैं। कैबिनेट के फैसले से प्रदेश में 6 से 12 वीं तक नौ हजार से अधिक स्कूल खेलेंगे। जिनमें उच्च प्राथमिक सरकारी, अशासकीय और प्राइवेट स्कूलों की संख्या 5452 है। जबकि 1354 हाईस्कूल और 2479 इंटरमीडिएट कॉलेज हैं।

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शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार बच्चों की क्लास का समय अलग-अलग तय करना होगा। इसके अलाव प्रार्थना सभाएं, खेल गतिविधियों और घर से लंच लेकर आने पर रोक लगाई जा सकती है। स्कूल खुलने से पहले एसओपी जारी की जाएगी साथ ही कोविड-19 की गाइड लाइन का पालन करते हुए स्कूलों को खोला जाएगा।

 10वीं व 12वीं बोर्ड के छात्रों की प्रैक्टिकल कक्षाएं शुरू हो रही हैं इसलिए 10वीं व 12वीं की अब सिर्फ ऑफलाइन कक्षाएं ही चलेंगी। प्रदेश में एक से पांचवीं कक्षा को खोले जाने को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ हैं। इन बच्चों की फिलहाल अभी ऑनलाइन क्लास जारी रहेगी। 

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